प्रति,
श्रीमान गृह मंत्री
महोदय,
भारत सरकार,
नयी दिल्ली.
महोदय,
कल दिनांक 29 अप्रैल 2020 को केंद्रीय गृह सचिव की ओर से प्रवासी मजदूरों,पर्यटकों,छात्रों और अन्य व्यक्तियों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए गाइडलाइन जारी की गयी.
महोदय,उत्तराखंड समेत देश के सभी राज्यों के मजदूर और अन्य लोग हर राज्य में फंसे हुए हैं और वे निरंतर अपने घर भेजे जाने की मांग कर रहे हैं.प्रवासी मजदूरों की दशा तो अत्यंत दयनीय है. वे न केवल रोजगार के अभाव का सामना कर रहे हैं,बल्कि जहां उन्हें रखा गया है,वहाँ भी बड़ी मुश्किल से जिंदा रहने लायक भोजन ही उन्हें मिल पा रहा है. उनकी भूख का इलाज करने में संबन्धित सरकारें सफल नहीं रही हैं. इस लिहाज से यह गाइडलाइन आवश्यक थी. परंतु इस आवश्यक विषय पर जारी की गयी यह गाइडलाइन आधी-अधूरी प्रतीत होती है.
महोदय,प्रवासी मजदूरों का मामला कोई दो-चार-पाँच राज्यों का मसला नहीं
है.देश के हर राज्य के और देश के हर राज्य में प्रवासी मजदूर हैं. यह अखिल भारतीय मसला
है. इसलिए उनको उनके मूल राज्यों में भेजने
की जिम्मेदारी सिर्फ राज्यों पर नहीं डाल दी जानी चाहिए,बल्कि
केंद्र सरकार को और विशेष तौर पर गृह मंत्रालय को इस पूरी प्रक्रिया के समन्वय की ज़िम्मेदारी
अपने हाथ में लेनी चाहिए.
गृह सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि लोगों को केवल बसों के जरिये ही एक
राज्य से दूसरे राज्य पहुंचाया जाये. भारत जैसे विशाल भूभाग में देश के एक कोने से
देश के दूसरे कोने तक हजारों लोगों को बसों के जरिये पहुंचाना बहुत ही दुष्कर कार्य
है.इसलिए इस बड़े काम को थोड़ा सुगम बनाने के लिए विशेष ट्रेनें चलायी जानी चाहिए,खास तौर पर एक राज्य से दूसरे राज्य तक लोगों को पहुंचाने के लिए तो अवश्य
ही ट्रेनों का संचालन किया जाना चाहिए. जैसे बसों को सैनिटाइज़ करने की बात गृह सचिव
महोदय के आदेश में लिखी गयी है,उसी तरह ट्रेनों को भी सैनिटाइज़
किया जाये. राज्य सरकारों के साथ राज्यवार आवश्यक ट्रेनों की संख्या और गंतव्य निर्धारित
कर लिए जाएँ.
महोदय,ऐसा किए जाने पर ही उक्त प्रक्रिया आसानी से चल पाएगी वरना फिर
अफरातफरी मचेगी और लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
अतः उक्त बिन्दुओं पर गौर करते हुए आप आवश्यक कदम उठाएंगे,यही अपेक्षा है.
सधन्यवाद,
राजा बहुगुणा इन्द्रेश
मैखुरी
राज्य सचिव गढ़वाल सचिव
भाकपा (माले),उत्तराखंड भाकपा(माले)
नोट-ज्ञापन ट्विटर पर गृह मंत्रालय और गृह मंत्री जी दोनों को भेजा गया है. गृह मंत्रालय की वैबसाइट पर गृह मंत्री समेत किसी मंत्री की ईमेल आई डी उपलब्ध नहीं है,इसलिए मेल के जरिये भेजना मुमकिन नहीं हो पाया
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जिन्दाबाद
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