भाईयो-बैनों, चीनी में खाता नहीं,टिकटौक पर विडियो
में बनाता नहीं ! देशभक्ति का यही पैमाना चला रहा है,इस वक्त देश में !
पर यह क्या ,देश भक्ति इतनी पिलपिली
क्यूँ हो गयी भाई. अफवाहबाजी,नफ़रतों के मरकज यानि आई.टी. सेल
से जो मैसेज प्रसारित हो रहा है,वह इतना दीनहीन सा क्यूँ है ?
मैसेज में लिखा है- “माना तुम लैपटॉप,कंप्यूटर नहीं फेंक सकते, इलेक्ट्रॉनिक
चीन की बनी चीज नहीं फेंक सकते ..........
तो सुनो एक बात गौर से !!
3 दिन के भीतर यदि सारे भारतीय इस चीनी Tiktok App
को Uninstall कर दें तो चीन पर एक तरह का मानसिक
दबाव आ जाएगा !”
गजब ! अब सारी देश भक्ति एक ऐप अनइन्स्टाल करने पर आ कर
सिमट गयी है. कोई हुंकार नहीं,कोई फुफकार नहीं,कोई गर्जन-तर्जन नहीं. ये भी नहीं कर सकते,ये भी नहीं
कर सकते तो इतना तो कर दो- मार्का मोलभाव. देशभक्ति में भी नफा-नुकसान का नापतोल चल रहा है,घनघोर देश भक्तों के राज
में. नया नारा ईजाद हुआ है- तुम हमारे सैनिक मारो,हम तुम्हारे
ऐप अनइन्स्टाल करेंगे !
देशभक्ति के इस ऐप अनइन्स्टाल मॉडल को देख कर एक पुराना
किस्सा याद आया.
हमारे यहाँ,अब ये मत पूछिए,हमारे यहाँ-कहाँ. किस्सा सुनते चलिये,सब समझ में आ जाएगा-कहाँ.
हमारे यहाँ बिजली बनाने वाली कंपनी आई. कंपनी क्या आई अपने साथ दलाली के रोजगार के
कई-कई अवसर लायी. बिजली से पहले उसने दलाली की दुकान सजाई ! कंपनी का एक भारी-भरकम
मुंशी अवतरित हुआ. दैत्याकार शरीर और गले में भैंस की सांकल से होड़ लेती सोने की जंजीरों
वाला,ट्रक साइज की कार वाला. उसके इर्दगिर्द मंडराने का नया-नया
सुभीता पाये चिरकुट-चंपुओं ने ऐलान कर दिया-हमारी यह धरती तो अब तक सिर्फ भूमि थी,देव के इस पर कदम रखने से ही यह सही अर्थों में देवभूमि हो सकी है . कंपनी
ने दलाली के लिए भी अफसर रखे और उनका नाम रखा-लाइस्निंग अफसर.
हर उस व्यक्ति का मुंह भरा,जिसके पास खोलने को मुंह था. ऐसे-ऐसे
पदों पर लोग रखे,जो पद दुनिया में अन्यत्र दुर्लभ हैं !
फिर एक दिन कंपनी का काम पूरा हो गया. उसने ऐसे-वैसे पदों
पर रखे हुओं को निकाल बाहर किया.दलाली की जरूरत नहीं थी तो चिरकुट दलाली अफसर यानि
लाइस्निंग अफसर भी बाहर धकेल दिये गए. जाहिर
सी बात है कि गेंहू के साथ घुन भी पिसे. यानि मुंह भरने की गरज से रखे हुओं के साथ
पेट भरने की गरज से नौकरी करने वाले भी नौकरी से हाथ धो बैठे.
बहरहाल जिनको कई वर्षों से कंपनी,राई मांगने पर पहाड़ देती रही थी,एकाएक राई मांगने पर
विदाई मिलने से वे हतप्रभ रह गए. उन्होंने ऐलान किया वे कंपनी के विरुद्ध सत्याग्रह
करेंगे. झूठ-फरेब से गुजर-बसर वालों का सत्याग्रह ! कंपनी का सत्य से वैसे भी ज्यादा
लेना-देना नहीं था तो सत्य के आग्रह का उस पर भला क्या असर होता !
सत्याग्रहियों का आरोप था
कि कंपनी तो कंपनी, सरकार भी उनकी नहीं सुन रही है.सरकार
तो पहले ही कंपनी की कंपनी एंजॉय कर रही थी तो वह क्यूँ कर सुनती भला ! फिर एक दिन
उक्त सत्याग्रहियों ने ऐलान कर दिया कि सरकार उनकी पुकार सुने,इसके लिए वे सरकार को खून से पत्र लिखेंगे. अखबारों में बड़ी-बड़ी खबरें और फोटो
छपे खून से लिखे पत्रों के.
खबरों से मन बड़ा विचलित हुआ. सोचा जा कर इन बंधुओं को
समझाया जाये कि क्यूँ अपना इतना खून बहा रहे हो. युवा अवस्था
में इस तरह खून न गँवाओ.
मौके पर गया. क्या देखता हूँ कि खून से पत्र लिखने का
काम धाराप्रवाह चल रहा है. चारों तरफ खून है और उसमें कलम डुबोई जा रही है. कौन सा
खून,अजी पाउचों में खून,ब्लड
बैंक के पाउचों में ! हमारे यहाँ होता यूं है कि ब्लड बैंक
में हफ्ते-दस दिन में रखा खून खराब हो जाता है. उसमें पानी अलग
हो जाता है और लाल तरल अलग ! ब्लड बैंक वाले ऐसे खून के पाउचों को फेंक देते हैं.
खून से चिट्ठी लिखने का ऐलान करने वाले हमारे शूरवीरों
ने ब्लड बैंक वालों को पानी छोड़ चुका खून फेंकने नहीं दिया. वे सारा खून ले आए और धकापेल
उस खून से ख़त लिखे जा रहे थे. ठीक ही तो है,उन्होंने ऐसा तो कहा
नहीं था कि वे अपने खून से खत लिखेंगे,खून से लिख ही रहे थे,चाहे ब्लड बैंक के खराब हो चुके खून से ही सही !
देशभक्ति का ऐप अनइन्स्टाल मॉडल
उस ब्लड बैंक के खराब खून से खत लिखने के मॉडल का ही विस्तार है. देशभक्ति की लाठी
फुल भाँज ली जाये और खुद के खरोच भी न आए !जो कुछ पराक्रम और शौर्य का प्रदर्शन करना
है,बस उँगलियों को करना है और बंदूक के ट्रिगर पर नहीं करना,मोबाइल के कीपैड पर करना है. देश भक्ति का भभका पूरा और खतरे की कोई गुंजाइश
नहीं. हमलावर अपने से ताकतवर हो तो बड़ा कारगर मॉडल है,ये ! युवा उँगलियों ने उसे धूल छटा दी और उसे हवा भी न लगी !
तो फिर तैयार रहिए देश की खातिर ऐप अनइन्स्टाल करने के
लिए ! देश खून मांगे तो ब्लड बैंक वालों के पास पानी छोड़ चुका खून है ही,उसे हरगिज जाया न होने दीजिएगा !
-इन्द्रेश मैखुरी
1 Comments
गौरतलब है कि चीन के कुल व्यापार का लगभग 3 % की भारत से होता है अब इससे चीन पर कितना फर्क पड़ेगा भगवान ही जाने
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