बधाई हो,बनारस वालो ! बीते छह सालों में तुम्हारा बना-के-रस, बना-बना के रस, क्योटो तो तुम हो ही चुके हो ! अब तुम्हारे
सिर पर एक कलगी और सजने जा रही है. नीता भौजी तुम्हारे बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
अर्थात बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर होने जा रहे हैं.
अक्षय कुमार की फिल्म-वैल्कम-याद होगी आपको. उसमें उदय
भाई यानि नाना पाटेकर,रह-रह कर,तकिया-कलाम की तरह डायलॉग बोलते हैं-भगवान का दिया सब कुछ है,दौलत है,शौहरत है,इज्जत है....................
यह संवाद यदि सर्वाधिक कहीं फिट बैठता है तो नीता भौजी और उनके परिवार पर बैठता है.
बल्कि उनके मामले में संवाद को इससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है- भगवान का दिया सब कुछ
है,दौलत है,शौहरत है,इज्जत है,जेब में सरकार है.
दौलत,शौहरत के साथ ही जेब
में सरकार रखने वाली नीता भौजी अब बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर होंगे. जेबी सरकार
की तरह ही उनके पास एक जेबी विश्वविद्यालय भी है-जियो इंस्टीट्यूट. 2018 में उसके बने
बगैर ही केंद्र सरकार ने उसे उत्कृष्ट संस्थानों की सूची में शामिल कर दिया था और कहा
था कि अन्य की तरह ही इसे भी विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनने के लिए विशेष प्रोत्साहन
दिया जाएगा. घरेलू,जेबी विश्वविद्यालय की मालकिन होने के बावजूद
भी वे मुंबई से इतनी दूर बीएचयू में प्रोफेसर होना चाहती हैं. बड़े लोगों की बड़ी बात
!
महामना मदन मोहन मालवीय ने बीएचयू की स्थापना करने
के लिए झोली फैला कर चंदा मांगा था. अब चंदे की झोली फैला कर बनाए गए विश्वविद्यालय
में एक ऐसी विजिटिंग प्रोफेसर होने जा रही हैं,जो तेल से लेकर खेल तक
किसी की भी बोली लगा सकती हैं,कुछ भी खरीद सकती हैं ! आईपीएल में बड़े-बड़े खिलाड़ी उनकी टीम द्वारा खरीदे
जाने पर स्वयं को धन्य समझते हैं. वे चाहती थी तो बीएचयू की भी बोली लगा लेती. सरकार
उनकी जेब में हैं तो भला उन्हें पूरा विश्वविद्यालय ही खरीदने से कौन रोक सकता था !
बीएचयू पर उनकी यह कृपा क्या कम है कि वे उसी खरीद कर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से
जियो हिंदू विश्वविद्यालय नहीं बना दे रही हैं ! बाकी एकेडमिक्स
की चर्चा अकारथ है. उसकी दशा तो उनके विजिटिंग प्रोफेसर बनने से पहले ही खराब थी और उनके विजिटिंग
प्रोफेसर बनने से तो वह सुधरने से रही क्यूंकि वे एकेडमिक्स की वजह से नहीं अंबानी
होने के चलते विजिटिंग प्रोफेसर बनाई जा रही हैं.
-इन्द्रेश मैखुरी
2 Comments
वाह छरहरी काया वह भी बनावटी। के बहाने ऐसा किया जा रहा है।
ReplyDeleteवाह छरहरी काया वह भी बनावटी। के बहाने ऐसा किया जा रहा है।
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