उत्तराखंड में सल्ट विधानसभा
क्षेत्र के चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची चर्चा का विषय बनी हुई है.
पहले इसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कॉंग्रेस से भाजपा में आए
पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का नाम नहीं था. आश्चर्यजनक यह था कि एक निवर्तमान
मुख्यमंत्री जिसे पद से हटाये हुए अभी महीना भर भी नहीं हुआ,वह स्टार प्रचारकों की सूची से गायब हो गया था और एक विधायक जिस पर बलात्कार
के आरोपों में मुकदमा दर्ज है,वह स्टार प्रचारकों की सूची में
शामिल था.
इस पर नुक्ता-ए-नज़र में हमने चर्चा की थी,जिसे इस लिंक पर पढ़ा जा सकता है- https://www.nukta-e-najar.com/2021/04/save-girl-star-campaigners-.html
अब सूची में संशोधन करते हुए निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र
रावत और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल
कर लिया गया है और रामनगर के विधायक दीवान सिंह बिष्ट और द्वाराहाट के विधायक महेश
नेगी को स्टार प्रचारकों की सूची से हटा दिया गया.
जैसा कि विदित ही है कि द्वाराहाट के विधायक महेश नेगी
पर एक महिला द्वारा बलात्कार का मुकदमा दर्ज करवाया गया है और उक्त महिला का दावा है
कि महेश नेगी उसकी बच्ची के जैविक पिता हैं. उक्त प्रकरण में अदालत द्वारा महेश नेगी
के डीएनए टेस्ट के आदेश दिये गए हैं और नेगी डीएनए टेस्ट से बचने की कोशिश करते नज़र
आ रहे हैं.
ऐसे में उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया
जाना भाजपा और उसके द्वारा लगाए जाने वाले बेटी बचाओ के नारे पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करने
वाला कदम था. अब नेगी को स्टार प्रचारकों की सूची से हटा तो दिया गया है पर विधायक
तो वे अब भी भाजपा के हैं ही. एक व्यक्ति पर सार्वजनिक जीवन में विधायक जैसे पद पर
रहते हुए महिला के यौन शोषण का आरोप लगता है और पूरी पार्टी-कानून अपना काम करेगा-जैसी
रस्मी जुगालियों से अपना काम चलाती रहती है. वह पार्टी स्टार प्रचारक बनाने में एक
निवर्तमान मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री पर ऐसे गंभीर आरोपों का सामना कर रहे विधायक
को तरजीह देती है. शोर मचने पर निवर्तमान मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के लिए
जगह बनाने को उक्त आरोपी विधायक का नाम हटा देती है.
स्टार प्रचारक
न हुए तो क्या बलात्कार जैसे संगीन आरोप के बावजूद “माननीय” तो वे बने ही हुए हैं और
उस राज में भी बने हुए हैं,जिस राज का मुखिया महिलाओं के जींस के
घुटने फटे होने को संस्कारों पर हमला समझता है !
-इन्द्रेश मैखुरी
0 Comments