हम बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं. हमारे चारों ओर लोग
जान गंवा रहे हैं, उनके लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है, सामूहिक रूप से शवों का अंतिम संस्कार अनवरत चौबीसों घंटे,सातों दिन जारी है.
मौतों के इस सिलिसले के लिए यदि कोई जिम्मेदार है
तो वो है मोदी सरकार. मोदी सरकार ने जनवरी में महामारी पर जीत की घोषणा कर दी और बेहद
धूर्तता व संवेदनहीन तरीके से कुंभ तथा चुनावी रैलियों को अनुमति दे दी. इन आयोजनों ने इस मारक वाइरस के प्रसार में भरपूर योगदान दिया. कोढ़ में खाज
यह कि बीते वर्ष से वे पर्याप्त ऑक्सीजन प्लांट्स, अस्पताल में
बेड और जीवन रक्षक दवाओं का इंतजाम करने में पूरी तरह विफल रहे. विधानसभा चुनावों में
मुफ्त वैक्सीन का वायदा करके,असल में मोदी सरकार राज्य सरकारों
को ऊंची कीमतों पर वैक्सीन खरीदने पर विवश कर रही है ताकि वैक्सीन निर्माता कंपनियाँ
मुनाफा कमा सकें.
इसके अलावा मोदी सरकार और सत्ताधारी भाजपा ने कुत्सा प्रचार
अभियान शुरू किया है ताकि आलोचना को खामोश किया जा सके और दोष किसी और पर मढ़ा जा सके.
जो भी जानलेवा ऑक्सीजन संकट के बारे में लिख रहे हैं, कोविड 19 के आधिकारिक मौत के आंकड़ों और अंतिम संस्कार के आंकड़ों के बीच के
अंतर की गड़बड़ियों को इंगित कर रहे हैं, उन्हें सेंसर किया जा
रहा है और गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही है. अपने मन की बात में स्वयं प्रधानमंत्री
ने एक फर्जी वीडियो चला दिया,जिसमें यह दावा किया गया था कि नेबुलाइजर
को ऑक्सीजन के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. प्रधानमंत्री,उनकी सरकार और पार्टी उस भयानक संकट की ज़िम्मेदारी कतई नहीं लेना चाहते,जो उन्होंने इस देश पर थोप दिया है.
हमारे बहुत से प्रिय मित्र, रिश्तेदार, साथी बीमार हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं.
हमें सरकार पर उपचार के बेहतर इंतजाम करने के लिए दबाव बनाना चाहिए. साथ ही हमें सामने आ कर हर संभव तरीके से लोगों की मदद करनी चाहिए.
1. समझदारी
से काम लें, हड़बड़ायें
नहीं और कोरोना के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाए.
पूंजीवादी
तंत्र में कार्पोरेशन, हर आपदा
को मुनाफे के अवसर के तौर पर भुनाना चाहते हैं और इस मामले में कोरोना भी कोई अपवाद
नहीं है. यह महामारी तो दुनिया को यह स्वीकार करने के लिए विवश कर रही है कि सबके लिए
सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं की नितांत आवश्यकता है. कॉर्पोरेट लालच से लड़ते हुए भी
हमें उन षड्यंत्र सिद्धांतों का शिकार नहीं बनना चाहिए जो कोविड 19 की भीषणता को कमतर
सिद्ध
करने की कोशिश करते हैं या मास्क और वैक्सीन के उपयोग को हतोत्साहित करते हैं.चूंकि
यह वाइरस हवा के जरिये भी फैल रहा है तो ऐसे में मास्क ही सबसे प्रभावशाली बचाव है.
सभी को अच्छा एन 95 मास्क पहनना चाहिए या फिर दो मास्क,जिसमें नीचे से सर्जिकल मास्क और ऊपर से सूती मास्क पहनना चाहिए. अगर किसी
को जुकाम, खांसी या बुखार है तो तत्काल डाक्टर को दिखाना
चाहिए,कोविड टेस्ट कराना चाहिए और ऐसे व्यक्ति को स्वयं को क्वारंटीन
कर लेना चाहिए. वर्तमान स्थितियों में जुकाम, खांसी और बुखार
को कोविड 19 मानते हुए सभी कोविड प्रोटोकॉल तत्काल लागू करने चाहिए.
हमें सबके लिए निशुल्क वैक्सीन की मांग करनी चाहिए
और जितनी जल्दी संभव हो वैक्सीन लगानी चाहिए.
2. लोगों की
सहायता एवं सहयोग करें
सभी सुरक्षा
एवं बचाव के उपाय करते हुए भी हमें लोगों के साथ जीवंत संपर्क में रहना चाहिए और उनकी
हर संभव मदद करनी चाहिए. अपने सामाजिक और सांगठनिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए, कोरोना संकट हमारी
चिंताओं का प्रमुख बिंदु होना चाहिए. वर्तमान समय में हमें ऐसे सभी कार्यक्रम स्थगित
कर देने चाहिए,जिनमें
लोगों को एक जगह जमा करने की जरूरत पड़ती हो. कृपया शादी और ऐसे अन्य समारोहों में शामिल
होने से बचें. रिश्तेदारों और मित्रों को सलाह दें कि हाल-फिलहाल वे ऐसे समारोहों को
स्थगित कर दें.
संकट
की इस घड़ी में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हमारे कॉमरेड बहुत सारी पहलकदमियां ले रहे हैं. विभिन्न जगहों पर हेल्पलाइन नंबर जारी
किए गए हैं. कॉमरेडों ने अस्पतालों में भी हेल्प कैंप लगाए हैं. बिहार और झारखंड में
हमारे विधायक कॉमरेड भी निरंतर पहलकदमियां ले रहे हैं.
3. पार्टी
के आपदा राहत कोष में योगदान करें
इस बढ़ते
संकट में कोविड 19 से प्रभावित लोगों और अपने संगठन के सदस्यों की मदद करने के लिए
आपदा राहत कोष आवश्यक है. इस समय परिवार के परिवार एक साथ बीमार पड़ रहे हैं और यह रोज
कमा कर खाने वालों के लिए भीषण संकट है.
निवेदक
भाकपा(माले)
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