कोरोना का कहर देश में चरम पर है. अस्पताल में बेड,ऑक्सीजन, इंजेक्शन के लिए कोहराम मचा हुआ है. इस बीच सोशल मीडिया पर
चल रही दो खबरों ने बरबस ही अपनी तरफ ध्यान खींचा.
पहली खबर उत्तराखंड से है. उत्तराखंड में भी कोरोना की मार काफी है. आज ही उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के 4339 केस सामने आए हैं और आज कोरोना से जान गँवाने वालों की संख्या 49 है. इस बीच में यह खबर सामने आई है कि उत्तराखंड में होम इसोलेशन मरीजों को दवाई की किट इसलिए नहीं बंट पा रही है क्यूंकि उस पर वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बजाय पिछले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का फोटो है.
कहा जा रहा है कि वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के फोटो वाले स्टिकर चिपकाने के बाद उक्त किट मरीजों को बांटी जाएगी.
पिछले
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत एक ही पार्टी-
भाजपा से हैं. अगर यह खबर सच है तो समझा जा सकता है कि party with
difference का नारा देने वाली पार्टी के नेताओं के आपसी difference यानि मनमुटाव कितने गंभीर हैं. लेकिन यह आपसी मनमुटाव तो लोगों के लिए जानलेवा
साबित हो रहा है. अगर यह खबर सच है तो अपने अजीबोगरीब बयानों के सुर्खियां बटोरने वाले
नए नवेले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का यह सर्वाधिक हृदयहीन कारनामा है.
दूसरी खबर हरियाणा के जींद से है. यहाँ चोरी हुए 1710
वैक्सीन डोज़,जिनकी कीमत ढाई लाख रुपये के करीब बताई जा रही है,चोर थाने के बाहर छोड़ गया. साथ ही यह चिट भी छोड़ गया कि- “सॉरी पता
नहीं था कोरोना की दवाई है.”
जनता के जीवन की रक्षा के लिए उत्तरदाई सरकार
जब मरीजों को दवा का किट जब सिर्फ इसलिए नहीं बांटती क्यूंकि उस पर वर्तमान मुख्यमंत्री
का फोटो नहीं है और दूसरी तरफ चोर यह पता चलते ही कि वैक्सीन कोरोना की है,खुद उसे थाने छोड़े आता है और माफी की पर्ची भी लिखता है तो बरबस ही मन में
ख्याल आता है कि ज्यादा संवेदनशील कौन : सरकार या चोर !
-इन्द्रेश मैखुरी
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