साथियो,दोस्तो,मित्रो,शुभचिंतको,
लगभग साल भर से कुछ पहले और पहली बार लॉकडाउन लगने से भी चंद दिन पहले, एक ब्लॉग शुरू किया. बहुत से नाम जो दिमाग में आए,उनमें से फ़ाइनल किया : नुक्ता-ए-नज़र. कुछ-एक ने नाम पर ही नुक्ताचीनी कर दी. बहरहाल इस नाम का अर्थ होता है-दृष्टिकोण.
बहुत तकनीकि दक्षता तो मेरी नहीं है. पत्रकार मित्र प्रदीप रंवाल्टा ने ब्लॉग बना दिया, डोमेन भी उन्होंने ही ले दिया. प्रसंगवश दो-एक दिन में डोमेन लिए भी साल भर हो जाएगा. प्रदीप भाई का शुक्रिया.
बाकी कई सारे तकनीकि काम हमारे साथी सुबोध डंगवाल ने किए.
मास्टहैड कहिए या लोगो कहिए,वो तो उन्होंने बमुश्किल दो मिनट
में बना दिया. इंटरनेट और कंप्यूटर संबंधी कामों में सुबोध डंगवाल ने काफी महारत हासिल
कर ली है. इस मामले में लोग उनका व्यावसायिक सहयोग ले सकते हैं. उन्होंने ही ब्लॉग
का एडसेंस भी करवा दिया.
ब्लॉग पर हर लेख को पढ़ने वालों की संख्या औसतन हजार से
ऊपर रही. न्यूनतम पढे जाने वाला ब्लॉग पाँच सौ लोगों द्वारा पढ़ा गया तो हजार,दो हजार,तीन हजार, पाँच हजार से
लेकर दस हजार तक भी ब्लॉग पर लिखा हुआ पढ़ा गया.
बीते एक साल में
चार लाख से अधिक लोगों ने नुक्ता-ए-नज़र को पढ़ा. एक ऐसे समय में जब कहा जा रहा हो कि
लिखा हुआ कौन पढ़ता है,लोग पढ़ने के बजाय सुनना-देखना पसंद करते
हैं,खुद मुझे भी लोग सलाह देते रहे कि यूट्यूब पर मुझे ज्यादा
ध्यान देना चाहिए, ऐसे में साल भर में चार लाख से अधिक लोगों
द्वारा पढ़ा जाना, मैं समझता हूं कि बुरा तो नहीं कहा जा सकता.
इसके लिए सभी पढ़ने वालों का तहेदिल से शुक्रिया,आभार.
निश्चित ही आइडिया के स्तर पर ब्लॉग में जितनी विविधता
मैं सोचता हूं,उतना अभी आना बाकी है,प्रयास
जारी है.
अपना सहयोग,समर्थन,शुभकामना, नुक्ता-ए-नज़र के साथ बनाए रखिएगा.
ब्लॉग पढ़िये-पढ़ाये.
ब्लॉग का लिंक है : https://www.nukta-e-najar.com/
आपके सुझाव,सलाह और सहयोग की दरकार तो हमेशा ही बनी रहेगी.
-इन्द्रेश मैखुरी
7 Comments
लिखते रहिये भैजी 🙏✊
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteबधाई भुला इंद्रेश। हार्दिक शुभकामनाएं। ईश्वर सुखी स्वस्थ रखे सपरिवार तुम्हें।
ReplyDeleteमेरी सलाह है की ब्लॉग चलने दिया जाए।पर। यू ट्यूब।पर कुछ सामयिक मुद्दों पर।बात रखी जा सकती है।वास्तव में यू ट्यूब पर जाकर देखते।अगर बात पसंद नहीं आई तो लोग झट से बंद भी कर देते हैं पर ब्लॉग।पढ़ा जाता है।लिखने में विस्तार से बात aa jatee hai
ReplyDeleteकारवाँ बढ़ता रहे👍
ReplyDeleteकहां लिखा है??? ऐसा पूछने वालों
ReplyDeleteका जवाब है यहां लिखा हुआ है देख भी लें और पढ़ भी लें!!!
इस लिए भाई लिखते रहें...
ंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंं
बधाई भैजी, आपके लेखन और संघर्ष की सदैव लोगो को जरूरत है। आपके लेख लोगो एवं सत्ता को दिशा देने का काम करते है। प्रणाम
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