प्रति,
श्रीमान
मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तराखंड
शासन,
देहरादून.
महोदय,
देश
की तरह ही उत्तराखंड भी कोरोना महामारी के प्रचंड प्रहार का सामना कर रहा है. विगत
दिनों समाचार माध्यमों और सोशल मीडिया के जरिये ज्ञात हुआ कि महामारी से निपटने के
लिए, आपने देश
के बड़े उद्योगपतियों से बात की और उनसे कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी
(सीएसआर) के तहत कोरोना से लड़ने में उत्तराखंड की मदद करने को कहा.
महोदय, उक्त उद्योगपतियों ने
उत्तराखंड सरकार की मदद की दिशा में कितने कदम आगे बढ़ाए,यह तो
आप ही बेहतर जानते होंगे. अलबत्ता उत्तराखंड के एक व्यक्तित्व ने सोशल मीडिया के जरिये
सरकार के सामने ऑक्सीजन प्लांट लगाने में निशुल्क
तकनीकि सहयोग देने का प्रस्ताव रखा है. इन व्यक्तित्व का नाम है- जयदीप सकलानी और फेसबुक
पर – Aap Ka Saklani नाम से इनका एकाउंट
है. फेसबुक एकाउंट के बारे में इसलिए बताया क्यूंकि भाई जयदीप सकलानी ने फेसबुक पर
ही यह प्रस्ताव रखा है.
अपने प्रस्ताव में जयदीप सकलानी जी ने लिखा है कि “ उत्तराखंड में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में सरकार को
निशुल्क सुविधा देने को
हमारी टीम तैयार है,क्रेन, तकनीकी वर्कर सब की व्यवस्था हमारी कंपनी करेगी.
केवल दिशा निर्देश सरकार का रहेगा. हम प्लांट लगाने में निशुल्क सहयोग
करेंगे, मशीन
सरकार मंगवायेगी.”
उनके प्रस्ताव
से स्पष्ट है कि यदि सरकार उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर ले तो सरकार को केवल मशीनों
पर खर्च करना होगा बाकी तकनीकि पक्ष सब जयदीप सकलानी और उनकी टीम देखेगी.
महोदय, जयदीप सकलनी पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं. वे उत्तराखंड
राज्य आंदोलनकारी और इस राज्य की बेहतरी के लिए सदैव चिंतन करने वाले व्यक्ति हैं.
प्रदेश में तमाम तरह की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वे बढ़-चढ़ कर अपना योगदान करते
रहते हैं. किसी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी यानि टैक्स बचाने
की मजबूरी के तहत उन्होंने यह प्रस्ताव नहीं रखा है बल्कि राज्य के जिम्मेदार नागरिक
होने और राज्य की बेहतरी चाहने वाले जिम्मेदार व्यक्ति के तौर पर उन्होंने यह प्रस्ताव
रखा है. मैकेनिकल
इंजीनियर के तौर पर वे देश भर के विभिन्न प्रतिष्ठित
संस्थानों में अपनी सेवाएँ देते रहते हैं. इसलिए राज्य सरकार को तत्काल उनकी सेवाओं
का राज्य हित में लाभ उठाना चाहिए और उनके प्रस्ताव पर तत्काल कार्यवाही करने चाहिए.
उम्मीद
है कि राज्य हित में ऑक्सीजन संकट के समाधान के लिए उत्तराखंड सरकार,जयदीप सकलानी जी के प्रस्ताव को स्वीकार करेगी और
शीघ्र इस दिशा में बढ़ेगी.
सधन्यवाद,
सहयोगाकांक्षी,
इन्द्रेश मैखुरी
गढ़वाल सचिव
भाकपा(माले)
3 Comments
वाह बहुत सुंदर विचार ,समयोपयोगी
ReplyDelete👏👏👏👏👏
ReplyDeleteसामान्यतया मशीनरी, प्लांट, यंत्र का आपूर्तिकर्ता ही Erection, Commisioning और मेंटिनेंस का काम भी करता है और इसकी शर्ते टेंडर जारी करते समय ही निर्धारित कर दी जाती हैं और उसके बाद Annual Maintenance Contract- A M C भी sign कर लिया जाता है.पर टेंडर जारी करने से लेकर, निविदा इकटृठा करने, सही यंत्र/सप्लायर / मूल्य का चुनाव उसके बाद मशीनरी की प्राप्ति / टेस्टिंग / कमीशनिंग और उसकी परफार्मेंस देखने के बाद उसको क्षमता और जरूरत के अनुसार चलाना पड़ता है ! उसके बाद उसकी मेंटिनेंस की जरूरत भो पड़ती है.
ReplyDeleteआम तौर पर यह काम विभाग के विश्वसनीय अधिकारी ही करते हैं , पर ऐक सक्षम और तकनीकी तौर पर क्वालिफाइड कार्य क्षमता वाले हाथ की जरूरत हर स्टेज पर पड़ेगी, अगर श्री जयदीप सकलानी जैसे लोग सरकार को मदद करना चाहते हैं तो इसमें कोई आपत्ती नही होनी चाहिए .
सरकार चाहे तो उन्हें कन्सलटेंट के तौर पर नियुक्त भी कर सकती है , जहां वे बिना वेतन लिए अपनी सेवाएं उपयुक्त विभाग/ होस्पीटल को दे सकते हैं