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इंजन डबल, अंदर से खोखल !

 




 

इंजन डबल का ड्राईवर लोकल, आज निकल कि कल निकल, थोड़ा चल, फिर निकल ! चल अगले थोड़ा तू ठेल फिर तू भी निकल !इंजन डबल,ऊपर से भरा पूरा, अंदर से खोखल !


डबल इंजन के जो लोकल ड्राइवर हैं, उनकी अपनी नौकरी का भरोसा नहीं है. दिल्ली में बैठा बॉस कब कह दे कि सेवा समाप्त,चल निकल ! जिनको खुद का पता नहीं, उन पर राज्य का पता ठिकाना रखने का जिम्मा है ! मूर्खता की हद तक मासूमियत है कि जो अपनी कुर्सी नहीं बचा सकता, उससे यह उम्मीद लगाना कि वह पूरे राज्य को बचाएगा !


चार साल जो मुख्यमंत्री रहे वो संविदा वाले थे, जैसे-तैसे दिल्ली से संविदा बढ़वाते रहे. चार साल में बेचारों का कांट्रैक्ट एक्सपायर हो गया. उन्हें दिल्ली के अपने कांटैक्ट पर भरोसा था, निश्चिंत थे कि दिल्ली के कांटैक्ट, उनका कुर्सी कांट्रैक्ट खत्म नहीं होने देंगे. इसलिए स्थानीय किसी को उन्होंने कांटैक्ट में नहीं आने दिया. कोरोना आने से पहले ही वो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहे. सामाजिक दूरी,इस शब्द को किसी ने चरितार्थ किया तो उन्होंने ही किया ! वे समाज से, विधायकों से, सबसे फुल दूरी बना कर रहे ! बोल बचन सब बंद रखे. मुस्कान तक से दूरी रखी, बिल्कुल झरझरा मुख बना कर रखा ! सब दिल्ली के बॉसों के भरोसे कि वे तो संविदा नवीनीकरण कर ही देंगे ! पर चौथे साल कांट्रैक्ट रिन्यू नहीं हो सका और नौकरी खतम !





जो आउटसोर्सिंग पर मुख्यमंत्री बनाए गए ! उनकी सोर्सिंग चली नहीं और चार महीने में वे भी आउट होने के कगार पर हैं.


उत्तराखंड के बेरोजगार और अर्द्धबेरोजगार, भाई लोगो, स्थायी रोजगार के फेर में न पड़ो. जिस राज्य में मुख्यमंत्री ही संविदा और आउटसोर्सिंग वाला है, उस राज्य में तुमको स्थायी रोजगार कौन देगा,भाई ?


मोदी जी ने कहा डबल इंजन की सरकार बनाओ,लोगों ने बना दी. मोदी ने पाँच साल बीतते न बीतते तीन मुख्यमंत्री बना दिये, डबल इंजन में मुख्यमंत्री ट्रिपल !


तो जनता जनार्दन, कमल का फूल खिलाओ,उनकी प्रचंड बहुमत की सरकार  बनाओ, वे किसी भी महीने में आपका फूल बनाएँगे, इसके लिए अप्रैल का मुंह नहीं ताकेंगे !


-इन्द्रेश मैखुरी

 

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3 Comments

  1. क्या ब्वन्न..साब
    कुछ नि बुलेंदु अब त

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