आखिरकार कई दिनों की खींचतान के बाद बी.एस. येदियुरप्पा
ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अपनी सरकार
के वर्तमान कार्यकाल के दो वर्ष पूरी होने के मौके पर येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद
से इस्तीफा दिया. दक्षिण भारत में भाजपा का कमल खिलाने वाले नेता रहे हैं-येदियुरप्पा.
लेकिन उस कमल में भ्रष्टाचार का कीचड़ जम कर भरने वाले नेता भी रहे हैं-येदियुरप्पा.
दुनिया भर में पेगासस जासूसी के हालिया खुलासे में भी
इस बात का जिक्र आया कि दो साल पहले,2019 में जब तत्कालीन
कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिराई गयी तो उसमें पेगासस के जरिये जासूसी का इस्तेमाल किया
गया.
लेकिन यह इकलौता मामला नहीं है, जबकि येदियुरप्पा द्वारा कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए अनैतिक या अवैध तरीकों
का सहारा लिया गया हो. एक मौके पर वहाँ विपक्षी विधायकों को तोड़ने का अभियान चलाया
गया और उसे नाम दिया गया- ऑपरेशन कमल !
येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोपों की एक लंबी सूची है. 2011 में कर्नाटक के लोकायुक्त ने उन पर खनन घोटाले में रिश्वत लेने और सरकारी जमीन के गलत आवंटन के आरोप लगाए. इस घोटाले के सामने आने के बाद येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा देना पड़ा. वे गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिये गए. बाद में सबूतों के अभाव में वे बरी कर दिये गए.
येदियुरप्पा के भ्रष्टाचार के संबंध में सर्वाधिक सनसनीखेज खुलासा किया, खोजी पत्रकारिता के पोर्टल- कारवां (Caravan) ने. 22 मार्च 2019 में अपनी स्टोरी में कारवां ने दावा किया कि आयकर विभाग के पास येदियुरप्पा की एक डायरी है, जिसमें हजारों करोड़ रुपये के लेनदेन का ब्यौरा येदियुरप्पा ने अपने हाथों से लिखा है.
कारवां की स्टोरी का लिंक : https://caravanmagazine.in/politics/yeddyurappa-diaries-bjp-1800-crore-payouts-jaitley-rajnath-gadkari-advani-crores
कारवां के अनुसार उक्त डायरी में येदियुरप्पा ने भाजपा के
राष्ट्रीय नेताओं, उसकी केंद्रीय कमेटी,वकीलों और जजों को दिये गए धन का ब्यौरा अपनी हस्तलिपि में कन्नड में लिखा
है. कारवां ने लिखा कि उक्त डायरी के पन्ने 2017 से आयकर विभाग के पास हैं. उक्त डायरी
के पन्नों में जिक्र है कि भाजपा की केंद्रीय कार्यकारिणी को येदियुरप्पा ने एक हजार
करोड़ रुपया दिया. कारवां की स्टोरी के अनुसार उक्त डायरी में तत्कालीन वित्त मंत्री
और अब दिवंगत अरुण जेटली तथा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी,
दोनों को डेढ़ सौ करोड़ रुपये देने का जिक्र है. राजनाथ सिंह को सौ करोड़ और भाजपा के
दो बड़े नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरलीमनोहर जोशी को पचास-पचास करोड़ रुपये देने का
जिक्र उक्त डायरी में है. गडकरी के बेटे की शादी में दस करोड़ रुपये दिये जाने का जिक्र
है. इसके अलावा जजों को 250 करोड़ रुपया और
वकीलों को मुकदमें की फीस के तौर पर पचास करोड़ रुपया देने का जिक्र भी उक्त डायरी में
है. भाजपा नेताओं, जजों, वकीलों को पैसे
देने का ब्यौरा 17 जनवरी 2009 की तारीख के साथ दर्ज किया गया है, जबकि भाजपा की केंद्रीय कार्यकारिणी को पैसा देने का ब्यौरा 18 जनवरी 2009
की तारीख के साथ दर्ज किया गया है. कारवां ने लिखा कि डायरी के जो भी पन्ने उन्हें
प्राप्त हुए हैं ,उनमें से हरेक पर येदियुरप्पा के हस्ताक्षर
हैं.
कारवां ने लिखा कि येदियुरप्पा की सरकार बनाने में मददगार
विधायकों को दिये गए पैसे का जिक्र भी उक्त डायरी में है और यह रकम भी करोड़ों में है.
बेल्लारी में अवैध खनन के लिए कुख्यात रेड्डी बंधुओं में से एक-जनार्दन रेड्डी द्वारा
नेताओं को करोड़ों रुपये देने का ब्यौरा भी उक्त डायरी में दर्ज है.
कारवां ने लिखा कि आयकर अधिकारियों ने इस मामले में आगे
जांच ईडी से करवाने के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली से चर्चा की और एक अहस्ताक्षरित
नोट भी उनके सामने रखा पर बात इससे आगे नहीं बढ़ी.
कारवां का दावा है कि उसने उन सबसे इस मामले में प्रश्नावली
भेज कर उनका पक्ष पूछा, जिनका नाम डायरी में है, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं आया.
डायरी का यह अंश और येदियुरप्पा के बाकी कारनामें इस बात
के गवाह हैं कि दक्षिण में कमल खिलाने के लिए भाजपा और येदियुरप्पा ने जम कर भ्रष्टाचार
का कीचड़ फैलाया.
-इन्द्रेश मैखुरी
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