कुछ दिन पहले व्हाट्स ऐप पर एक फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट प्राप्त हुआ. यह फेसबुक पोस्ट दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के पूर्व अध्यक्ष श्रीराम ओबरॉय का था, जो उन्हों 01 जुलाई 2021 को लिखा था.
इस फेसबुक पोस्ट में प्रो.ओबरॉय ने केंद्रीय
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के बारे में दावा किया था कि उन्हें प्रधानमंत्री
ने जबरन छुट्टी पर भेज दिया है. प्रो.ओबरॉय
लिखते हैं कि उनके (मंत्री के) विरुद्ध ढेर सारे आरोप लगाए गए हैं और मामले में उच्च
स्तर पर विचार चल रहा है. प्रो.ओबरॉय ने यह भी लिखा कि उनके रहने के दौरान मंत्रालय
दलालों के चंगुल में था. अपनी पोस्ट में प्रो.ओबरॉय ने दावा किया कि मुख्य सतर्कता
आयुक्त ने हाल में राष्ट्रपति से मुलाक़ात करके मंत्री के विरुद्ध जांचे-परखे दस्तावेज़
कार्यवाही हेतु सौंपे.
अपनी पोस्ट में प्रो.ओबरॉय ने लिखा कि उन (निशंक) से कहा
गया है कि वे तभी मंत्रालय आयें, जब उन्हें बुलाया जाये. लगता है
आज उन्हे इस्तीफा देने बुला लिया गया.
01 जुलाई 2021 को लिखे इस पोस्ट के हफ्ता बीतते-न बीतते
केंद्रीय शिक्षा मंत्री के पद से रमेश पोखरियाल निशंक का इस्तीफा इस संभावना को बल
देता है कि प्रो.ओबरॉय का दावा ठीक भी हो सकता है. प्रो.ओबरॉय ने भी आज फेसबुक पर लिखे
पोस्ट में ऐसा ही कुछ लिखा था. तब प्रश्न उठता है कि इस्तीफा दिया गया या ले लिया गया
?
निशंक,केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय
में पूर्व में मंत्री रही स्मृति ईरानी का ही संस्करण भर थे ! इस मंत्रालय के लिए मंत्री
के रूप में जिन व्यक्तियों का चुनाव बीते सात सालों में किया गया, वह देश की शिक्षा के प्रति केंद्र सरकार की दिवालिया दृष्टि को ही परिलक्षित
करती है.
-इन्द्रेश मैखुरी
1 Comments
रंगा व बिल्ला के सिवा किसी का भी पद स्थायी नहीं है !
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