प्रति,
1. श्रीमान
मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तराखंड शासन, देहरादून.
2. श्रीमान
लोकनिर्माण मंत्री महोदय,
उत्तराखंड शासन, देहरादून.
3. श्रीमान
मुख्य सचिव महोदय,
उत्तराखंड शासन, देहरादून.
4. श्रीमान
जिलाधिकारी महोदय,
चमोली (गढ़वाल).
5. श्रीमान
अधिशासी अभियंता
लोकनिर्माण विभाग, गैरसैण(चमोली)
महोदय,
चमोली जिले के गैरसैण ब्लॉक के भराड़ीसैण
में जहां उत्तराखंड की विधानसभा है, उस स्थल तक जाने के
लिए दिवालीखाल से सड़क को चौड़ा करने का काम लोकनिर्माण विभाग,
गैरसैण के द्वारा किया जा रहा है.
लेकिन इस सड़क को चौड़ा करने के काम
में जिस तरह की मनमानी की जा रही है, वह बेहद क्षोभनीय
है और आम जनता के लिए बेहद कष्टकारी सिद्ध हो रही है.
महोदय, 26 सितंबर 2021 को दिवालीखाल में दुकान संचालित करने वाले दो भाइयों-
कुन्दन सिंह नेगी और देवेंद्र सिंह नेगी को दुकान हटाने का नोटिस लोकनिर्माण विभाग
द्वारा दिया गया और 28 सितंबर 2021 को इनकी दुकानों को सड़क को चौड़ा करने के नाम पर
तोड़ दिया गया.
महोदय, ये दुकानें, ना केवल इन दोनों के रोजगार का आधार थी, बल्कि ये तकरीबन 60 वर्ष से अधिक पुरानी थी, जो
इनके पिता स्व. श्री घनश्याम सिंह नेगी द्वारा शुरू की गयी थी. इन दुकानों को तोड़े
जाने की एवज में दोनों भाइयों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया,
ना ही कोई वैकल्पिक इंतजाम लोकनिर्माण विभाग द्वारा सुनिश्चित किया गया.
महोदय, प्रसंगवश यह भी जान लें कि स्व. श्री घनश्याम सिंह नेगी, जिनके दो बेटों की दुकानें दिवालीखाल में तोड़ दी गयी, वे उत्तराखंड सरकार द्वारा चिन्हित राज्य आंदोलनकारी थे. इन दोनों भाइयों
में से बड़े भाई- श्री कुन्दन सिंह नेगी भी उत्तराखंड सरकार द्वारा चिन्हित राज्य
आंदोलनकारी हैं.
महोदय, ये बेहद खेद का विषय है कि जिनको राज्य की सरकार स्वयं राज्य निर्माण का
सेनानी मान रही है, उनके रोजगार को उसी सरकार द्वारा नष्ट
किया जा रहा है.
महोदय, ऐसा लगता है कि इन दोनों भाइयों का रोजगार नष्ट करके ही लोकनिर्माण विभाग, गैरसैण को तसल्ली नहीं हुई,इसलिए 15 अक्टूबर 2021
को वे पुनः इनके मकान का बचा हुआ हिस्सा तोड़ने के लिए चिन्हित करने पहुँच गए.
प्रश्न यह है कि यदि सड़क चौड़ी होनी है तो कोई पूर्व निर्धारित योजना होगी कि क्या
हटाया जाना है, क्या नहीं ! एक महीने में दूसरी बार इन दोनों
भाइयों की दुकानें तोड़ने के बाद उनके घर के बाकी हिस्से को भी तोड़ने के लिए निशान
लगाना तो पूरी तरह लोकनिर्माण विभाग, गैरसैण के मनमानेपन और
योजनाहीनता को प्रदर्शित करता है.
महोदय, उक्त तमाम तथ्यों के आलोक में आपसे यह मांग है कि :
·
चूंकि दिवालिखाल में अचानक
से तोड़ी गयी दुकानें ही श्री कुन्दन सिंह नेगी और श्री देवेंद्र सिंह नेगी की
आजीविका का आधार थी, अतः तोड़ी गयी दुकानों का समुचित
मुआवजा एवं दुकानों पुनः बना कर इन दोनों भाईयों को दी जाएँ.
·
श्री कुंदन सिंह नेगी और श्री
देवेंद्र सिंह नेगी की दुकानें तोड़ने के बाद दोबारा तोड़ने के लिए चिन्हित किए गए
उनके आवास के हिस्से को तोड़ने के दायरे से बाहर किया जाये.
·
किसी अन्य व्यक्ति के घर अथवा दुकान
को इस तरह तोड़ने से पहले उसे समुचित मुआवजा दिया जाये तथा उसके पुनर्वास का समुचित
इंतजाम किया जाये.
महोदय, श्री कुंदन सिंह नेगी और श्री देवेंद्र सिंह नेगी को अगर तत्काल राहत
नहीं प्रदान की गयी तो प्रभावित परिवार के साथ उनकी तोड़ी गयी दुकानों के मलबे के
ऊपर ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा, जिसकी संपूर्ण
ज़िम्मेदारी शासन-प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग,गैरसैण की
होगी.
त्वरित
एवं उचित कार्यवाही की आशा में,
सहयोगाकांक्षी
इन्द्रेश मैखुरी
गढ़वाल सचिव
भाकपा(माले)
1 Comments
राज्य आंदोलनकारी तो लट्ठ खाने के लिए हैं। माल हड़पने के लिए सफेदपोश डाकू तैनात हैं।
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