उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन काले कृषि क़ानूनों
के खिलाफ विरोध में उतरे किसानों को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के
बेटे की गाड़ी ने कुचल डाला, जिसके
चलते तीन किसानों की मौत हो गयी और आठ किसान गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं.
लखीमपुर के तिकुनियां में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव
प्रसाद मौर्य के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गाँव
आने की खबर पर किसानों ने हेलीपैड घेर लिया था. किसानों के हेलीपैड घेरने के चलते उपमुख्यमंत्री
को सड़क मार्ग से आना पड़ा.
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में
कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का विरोध इसलिए
किया जा रहा था क्यूंकि वे जन सभाओं में किसानों के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल
कर चुके थे.
संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार किसानों को गाड़ी से रौंदने
की वारदात को तब अंजाम दिया गया, जबकि प्रदर्शन खत्म होने के बाद
किसान वापस लौटने को थे.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष
मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने न केवल किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी बल्कि उन पर फ़ाइरिंग
भी की.
तीन में से एक किसान की मौत उनकी गोली से भी होना बताया गया है.
भाजपा शुरू से देश में तीन किसान क़ानूनों के खिलाफ चल
रहे आंदोलन के प्रति शत्रुता का भाव रखती है. पहले दिन से भाजपा ने अपने सोशल मीडिया
नेटवर्क के माध्यम से किसान आंदोलन को बदनाम करने और उसके विरुद्ध घृणा फैलाने का अभियान
चलाया हुआ है. किसानों के दमन के लिए भी हर मुमकिन हथकंडा विभिन्न प्रदेशों में भाजपा
की सरकारें आजमा चुकी हैं.
लेकिन तमाम दांवपेच और दमन के बावजूद बीते दस महीनों से
600 से अधिक शहादतों के बावजूद किसान आंदोलन मजबूती से डटा हुआ है.
किसान आंदोलन के दमन के लिए सड़कों में खड्डे खोदे गए, बेरिकेड लगाए गए, पानी की बौछार चलायी गयी यहां तक सड़कों
पर कीलें तक ठोकी गयी. इस सब के नाकाम होने के बाद लगता है, किसानों
के दमन के लिए उनपर गोली चलाने और उन्हें गाड़ी के पहियों तले रौंदने का नया दांव भाजपा
आजमा रही है. ऐसा करके भाजपा ने किसानों के खून से अपने हाथ पूरी तरह रंग लिए हैं.
किसानों के उपजाया अन्न खाने वाले, अब उनका खून भी पीने लगे हैं ! सत्ता की लिप्सा और कारपोरेट मालिकों की सेवा
में और कितना नीचे गिरोगे सरकार बहादुर ! मंत्री के बिगड़ैल बेटे की गाड़ी के पहियों
तले रौंदा जाता किसान- क्या यही वो अच्छे दिन हैं, जिनके नाम
पर इस देश की सत्ता में पहुंचे थे मोदी जी ?
लेकिन किसान आंदोलन इन दमनकारी हथकंडों से दबने वाला
नहीं है, दस महीने
का अनुभव यह बता रहा है. किसान यदि खेत में फसल में उग आए खरपतवार को पहचान
कर उखाड़ सकता है तो देश की सत्ता पर यदि खरपतवार उग जाएगी तो उसे भी वह उखाड़ फेंकेगा.
-इन्द्रेश मैखुरी
2 Comments
Bahut sharmnaak
ReplyDeleteमंत्री के बिगड़ैल बेटे की गाड़ी के पहियों तले आंदोलन करते किसानों का रौंदा जाना अत्यन्त दुःखद!
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