यह दिसंबर 2017 की बात है. भराड़ीसैण में उत्तराखंड की विधानसभा का सत्र होना था. भराड़ीसैण में जहां विधानसभा है, उसी पहाड़ी पर एक तरफ नीचे की ओर है गाँव सिराणा.
सिराणा के तत्कालीन प्रधान बीरेंद्र मेहरा ने
गाँव के सड़क और पानी के मसले पर कहीं सुनवाई ना होने के चलते विधानसभा पर प्रदर्शन
करने का निर्णय लिया. इसी प्रदर्शन में उन्होंने मुझे भी शामिल होने को कहा.
प्रदर्शन
हुआ और यह संभवतः ग्रामीणों का पहला प्रदर्शन था, जो विधानसभा के इतने निकट पहुँच गया
था.
विधानसभा के इस प्रदर्शन की रिपोर्ट इस फेसबुक लिंक पर जा कर पढ़ सकते हैं –
https://www.facebook.com/indresh.maikhuri.5/posts/10210513746935643
प्रदर्शन
का असर हुआ कि गाँव में चमोली जिले के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी विनोद गिरि गोस्वामी
की अध्यक्षता में जन समस्याओं के निवारण के लिए शिविर लगा.
बहरहाल आज इस गाँव को याद करने का संदर्भ यह है कि बहुत अरसे के बाद मेरा सिराणा जाना हुआ. पिछली बार जब मैं सिराणा गया था तो जंगलचट्टी से पैदल चल कर, सड़क के आंदोलन में शरीक होने गया था. आज जब गया तो खेती से सड़क मार्ग से गया. जिस सड़क के रास्ते गया, वह सिराणा गांव वासियों के उस आंदोलन का परिणाम थी, जिसके लिए वे अपने गांव से पैदल विधानसभा के गेट तक पहुँच गए थे.
मुझे खुशी है कि उनके सड़क के इस संघर्ष
में थोड़ी सी भूमिका अदा करने के लिए उन्होंने मुझे चुना.
इसलिए खेती से सिराणा
तक कटी सड़क से गुजरना सिर्फ सफर का आसान होना मात्र नहीं था, बल्कि इस पर चलते
हुए एक आंदोलन के सफल होने की खुशी भी थी.
सिराणा पहुँचा तो वहां मुझसे मिलने के लिए सारे गांव
वाले वैसे ही इकट्ठा थे, जैसे 2017
में वे विधानसभा जाने के लिए एकत्र हुए थे. गांव में शादी के लिए लगे डीजे के साउंड
बॉक्स को माइक से जोड़ कर बकायदा इकट्ठा होने के लिए उदघोषणा की गयी. महिला मंगल दल
की अध्यक्ष नंदुली देवी की अगुवाई में महिलाएं मालाएँ तैयार कर के लायी थीं.
संघर्ष के साथियों के साथ जो साथीपन और दोस्ताना विकसित
होता है,वह
बेहद मजबूत होता है, यह सिराणा में आज पुनः
महसूस हुआ.
जब लोग इकट्ठा थे तो राजनीतिक बात भी होनी थी.
मैंने
उनसे यही कहा कि असल ताकत किसी नेता में नहीं बल्कि जनता में ही है और लोगों को अपनी
ताकत को समझना चाहिए. अपनी ताकत और अपने संघर्षों पर आम जन विश्वास करेंगे, तभी तस्वीर बदलेगी.
बादर सिंह मेहरा ने सभा का संचालन किया.
इस पूरे आयोजन
को करने और सफल बनाने के लिए सिराणा के पूर्व प्रधान बीरेन्द्र सिंह मेहरा और सभी सिराणा
वासियों का आभार, धन्यवाद.
-इन्द्रेश मैखुरी
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गैरसैण 'राजधानी-आन्दोलन' को लेकर सही कहा, 'असल ताक़त किसी नेता में नहीं बल्कि जनता में है।'
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