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चीन की बीन

 







भाईयो-बहनों हुआ यूं कि उत्तर प्रदेश में एक हवाई अड्डे का उद्घाटन हुआ,जिसे एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बताया जा रहा है. लेकिन उद्घाटन होते ही हवाई अड्डा जा पहुंचा चीन ! अब आप सोचेंगे, ये कैसी बेतुकी बात है ! दौर ही ऐसा है, आजकल हर उस बात का तुक है, जो कतई बेतुकी है !


लेकिन फिर भी हवाई अड्डे से लोग उड़ान भर के देश-विदेश जाते रहे हैं,आगे भी जाएंगे पर ये हवाई अड्डा,चीन कैसे चला गया !


जब केंद्र और उत्तर प्रदेश के सारे बड़े-बड़े नेताओं ने चीन के हवाई अड्डे को नोएडा का हवाई अड्डा बता डाला तो दो ही बात हो सकती है कि या तो यहां का हवाई अड्डा चीन चला गया हो या वहां का हवाई अड्डा यहां गया हो ! 








ये ऐसा समय है, जब कुछ भी संभव है. वो नारा तो आपको याद होगा ही- फलाने जी हैं तो मुमकिन है !


ऐसा भी संभव है कि अपने हवाई अड्डे के नाम पर चीन के हवाई अड्डा का फोटो चिपकाना कोई गहरी रणनीति हो. गाहे-बगाहे हम सुनते ही रहते हैं- फलाने जी ने किया है तो कुछ सोच-समझ कर ही किया होगा !


कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में पूरा एक गाँव बसा दिया है. पहले भारत के टीवी चैनलों ने ऐसा कहा और अब अमेरिका के रक्षा मंत्रालय-पेंटागन की एक रिपोर्ट भी ऐसा ही कह रही है. हो सकता है कि नोएडा के हवाई अड्डे के नाम पर,  चीन के हवाई अड्डे का फोटो लगाना, अरुणाचल में चीन के गाँव बसाने की हरकत का बदला हो ! मन ही मन फलाने जी ने यह भी कह दिया हो कि सुन बे चीन, तूने हमारी जमीन पर गाँव बनाया तो क्या, हमने भी तेरे हवाई अड्डे पर अपना लेबल चिपका दिया ! दुनिया भर में जो भी उस हवाई अड्डे को देखेगा तो कहेगा- भारत ने जो एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बनाया, वो चीन में दिखाई दे रहा है ! वाह फलाने जी वाह !


 चीन के अरुणाचल में गाँव बसाने की बात से याद आया कि फलाने जी ने एक बार यह किस्सा अपने लच्छेदार शैली में सुनाया था कि  चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने उनसे कहा कि चीनी यात्री ह्वेंसांग भारत में फलाने जी के गाँव में रहा और वहाँ से वापस लौट कर वो जिनपिंग के गाँव में रहा ! 








फलाने जी और जिनपिंग जब झूले की पींगे डाल रहे थे तो पींगें इतनी बढ़ गयी कि जिनपिंग को  अरुणाचल की खाली जमीन दिख गयी. तेरा गांव-मेरा गांव, वो खेल ही रहे थे और इस खेल को आगे बढ़ाते हुए जिनपिंग अरुणाचल में अपना गांव ले आया ! ह्वेंसांग तो रहा नहीं, इसलिए अब अगली बार फलाने जी को उस “इतनी निकटता, इतनी आत्मीयता, इतना भाईचारा” की मिसाल देते हुए जिनपिंग बताएगा- तेरा गाँव, मेरा गाँव, अरुणाचल में गांव, तेरी जमीन, मेरा गांव !


फलाने जी अगर अरुणाचल में चीन का गांव बसाने पर कुछ नहीं बोल रहे तो सोच समझ कर ही नहीं बोल रहे होंगे ! पिछली बार जब उन्होंने कहा था- न कोई वहाँ घुस आया है, न घुसा हुआ है- तब भी सोच समझ कर ही कहा था क्यूंकि सचमुच वहां “कोई” तो घुसा ही नहीं था ! जिनपिंग की फौज घुसी थी तो फलाने जी बेचारे “कोई”  पर झूठा दोषारोपण कैसे करते !


कुल जमा बात यह है कि अरुणाचल में चीन के गांव बसाने का जवाब ट्वीट में चीन के हवाई अड्डे की तस्वीरें, अपना हवाई अड्डा बता कर, पोस्ट करने के जरिये दे दिया गया है. फिर भी यदि लोग-बाग संतुष्ट न हुए तो किसी दिन फलाने जी मन की बात करते हुए कह देंगे कि वे अरुणाचल में गांव बसाने के लिए जिनपिंग को कभी मन से माफ नहीं कर पाएंगे ! बस खेल खतम, जमीन हजम !


-इन्द्रेश मैखुरी

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2 Comments

  1. चीन का अरूणाचल व ज़ेवर एयरिपोर्ट का संदर्भ- एक अजीब
    पहेली!

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  2. चीन के नाम की भक्त बजाते बीन।
    बेसुरी तान सुनकर हंस रहे तमाशबीन।

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