प्रति,
1. 1. श्रीमान
मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तराखंड शासन, देहरादून.
22. श्रीमान
स्वास्थ्य मंत्री महोदय,
उत्तराखंड शासन,
देहरादून.
33. महानिदेशक
महोदया,
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार
कल्याण
उत्तराखंड, देहरादून.
महोदय / महोदया,
कर्णप्रयाग में जो सरकारी चिकित्सालय है, उसे उपजिला चिकित्सालय का दर्जा प्राप्त है.
कर्णप्रयाग वैसे भी भौगोलिक दृष्टि से चमोली जिले का केंद्र है. इस
हिसाब से भी कर्णप्रयाग के सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की तैनाती की जानी चाहिए
थी.
लेकिन यह बेहद अफसोस का विषय है कि उपजिला
चिकित्सालय,
कर्णप्रयाग में डाक्टरों के रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं की जा रही है और पहले से
नियुक्त डाक्टरों का भी तबादला अन्यत्र किया जा रहा है.
2007 से कर्णप्रयाग के सरकारी चिकित्सालय में बाल रोग विशेषज्ञ नहीं हैं, हड्डी रोग विशेषज्ञ का लगभग छह बरस पहले तबादला हुआ और फिर उनके बदले किसी अन्य की नियुक्ति नहीं हुई और अब दंत शल्य चिकित्सक का भी प्रमोशन के साथ तबादला कर दिया गया है.
अल्ट्रासाउंड के लिए भी स्थानीय लोगों को
सत्तर किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ रही है.
महोदय / महोदया, सामान्य स्थिति में किसी भी चिकित्सक के प्रमोशन या तबादले से आम जन को
कोई शिकायत या दिक्कत नहीं है. दिक्कत इस बात की है कि जो डाक्टर जाता है, उसके स्थान पर किसी की नियुक्ति नहीं होती है.
महोदय / महोदया, एक सामान्य सा प्रश्न यह भी पैदा होता है कि कर्णप्रयाग में प्रदेश सरकार ने कैसा उपजिला चिकित्सालय बनाया है, जिसमें न फिजीशियन हैं, न बाल रोग विशेषज्ञ, न हड्डी रोग विशेषज्ञ, न पैथोलॉजिस्ट !
महोदय, एक तरफ आपकी सरकार ने विज्ञापन से प्रदेश की सब दीवारें पाटी हुई हैं कि आयुष्मान योजना के तहत पाँच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त और दूसरी तरफ
अस्पतालों में डाक्टर ही नहीं हैं. महोदय कोई स्वास्थ्य बीमा इलाज नहीं करता. इलाज
तो चिकित्सकों को ही करना है. बिना अस्पतालों में चिकित्सकों की नियुक्ति किए, ये विज्ञापनी दावे हवा-हवाई हैं.
अतः आपसे निवेदन है कि कर्णप्रयाग
के उपजिला चिकित्सालय में रिक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ की तत्काल
नियुक्ति की जाये. यदि ऐसा न किया गया तो आम जनता सरकार के विरुद्ध आंदोलन के लिए
विवश होगी.
सधन्यवाद,
सहयोगाकांक्षी
इन्द्रेश
मैखुरी
गढ़वाल
सचिव
भाकपा(माले)
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