यह बीते वर्ष यानि 2020 के दिसंबर के अंतिम दिनों की बात
है. हमारी एक परिचित, इस बात से कई दिनों तक हैरान-परेशान रहीं
कि उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्स की भर्ती का आवेदन निकला है और वे
जिस निजी मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के तौर पर अतीत में काम कर चुकी, वह मेडिकल कॉलेज, उनका अनुभव प्रमाम पत्र देने में आनाकानी
कर रहा है. कई प्रयासों के बाद उनका अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त हो सका. उस दिन लगा
कि वे मंजिल के काफी करीब हैं.
लेकिन अब जबकि 2021 भी बीत चुका और स्टाफ नर्सों की भर्ती
अभी भी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है, तब समझ में आ रहा है
कि जब अपने काम किए का अनुभव प्रमाण पत्र पाना ही हलकान कर देने वाला है तो नौकरी को
तो आकाश कुसुम होना ही था.
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों के लिए स्टाफ नर्सों की भर्ती प्रक्रिया कितनी जटिल हो चुकी, इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि जब से स्टाफ नर्सों की भर्ती की बात शुरू हुई तब से उत्तराखंड में तीन मुख्यमंत्री बदल चुके हैं. त्रिवेन्द्र रावत मुख्यमंत्री थे और उनके रहते स्टाफ नर्सों की भर्ती की घोषणा हुई थी. 13 दिसंबर 2020 को पहली बार उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में स्टाफ नर्सों की भर्ती का विज्ञापन निकला था. उस समय यह परीक्षा 07 फरवरी 2021 को होना तय हो चुकी थी. फिर यह परीक्षा स्थगित कर दी गयी. तब नयी परीक्षा का तिथि घोषित हुई 14 अप्रैल 2021.
अप्रैल में भी यह परीक्षा न हुई और नयी तिथि नियत हुई- 15
मई 2021. इसी बीच राज्य में भाजपा द्वारा त्रिवेन्द्र
रावत की जगह तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बनाए जा चुके थे. तीरथ सिंह रावत भी नर्सिंग
भर्ती परीक्षा करवाने का दावा तो करते रहे, लेकिन परीक्षा न करवा
सके. चार महीने में तो सत्ता से उनकी विदाई ही हो गयी. इसी बीच जून 2021 में एक विवादास्पद
ऑडियो भी लीक हुआ, जिसमें उक्त पदों पर नियुक्ति के लिए पैसों
के लेनदेन का जिक्र था.
बहरहाल तीरथ सिंह रावत के सत्ता से विदा होने के बाद पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री
बनाए गए. उनकी सरकार का कार्यकाल पूरा होने को है पर नर्सिंग भर्ती का दूर-दूर तक कोई
पता नहीं है.
एक वर्ष से 2661 पदों पर नियुक्ति की बाट जोह रहे उत्तराखंड
के नर्सिंग अभ्यर्थियों के लिए यह इंतजार ही
एक बड़ी परीक्षा बन गया है. साल भर बीत जाने के बाद उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.धन
सिंह रावत बयान दे रहे हैं कि नर्सिंग में वर्षवार नियुक्ति की जाएगी.
मंत्री जी तो वर्षवार नियुक्ति की बात कह रहे हैं, लेकिन मंत्री जी के विभाग की अधिसूचना तो उनके बयान के विरुद्ध जाती है. 09 जुलाई 2020 को उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा अनुभाग द्वारा “उत्तराखंड अधीनस्थ नर्सिंग (अराजपत्रित) सेवा (संशोधन) नियमावली, 2020” अधिसूचित की गयी.
उक्त अधिसूचना के बिंदु संख्या 15 (2) में चयन के
लिए 200 अंकों की लिखित परीक्षा का प्रावधान है. तब मंत्री जी अपने ही विभाग द्वारा
जारी नियमावली के विरुद्ध जा कर किसका हित साधना चाहते हैं ?
इससे अधिक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि एक वर्ष से नर्सिंग
भर्ती को अटका कर किसका उल्लू साधा जा रहा है ? उत्तराखंड के युवाओं
के स्थायी एवं नियमित नियुक्ति के रास्ते में कौन रोड़े अटका रहा है ?
-इन्द्रेश मैखुरी
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