हुआ यूं कि आज सुबह ट्विटर पर किसी ने नरेंद्र सिंह
नेगी जी की कविता- “गैरसैण गैर किले, पहाड़ों से बैर
किले......” पोस्ट की.
उस ट्वीट को कोट करते हुए मैंने ट्वीट किया, जिसमें मैंने, नरेंद्र सिंह नेगी
जी एक गीत की पंक्ति उद्धृत करते हुए लिखा- “या भी लड़े लगीं राली.....
(गैरसैण में 2 दिन के विधानसभा सत्र की
सालाना पिकनिक के बजाय स्थायी राजधानी की मांग को लेकर हम जंगलचट्टी से गिरफ्तार करके
मालसी लाये गए.”
लेकिन अचानक शाम को जब पुलिस और प्रशासन के लोग इस ट्वीट
को लेकर दरियाफ्त करने लगे तो अचानक वीआईपी टाइप फील होने लगा !
पहले गैरसैण के थानाध्यक्ष का फोन आया. वे
बोले-आपने प्रदर्शन कब किया, आज किया क्या ? मैं तो प्रश्न सुन कर ही अचकचा गया !
उनको समझाया कि नहीं यह तो 05 दिसंबर 2017 का वीडियो है, विधानसभा सत्र
हुआ था, तब गैरसैण
में.
फिर गैरसैण के उपजिलाधिकारी कार्यालय से फोन आया और
वही प्रश्न दोहराया गया ! मैंने भी वही जवाब दोहरा दिया.
ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन और पुलिस को लगा कि
ऐन चुनाव की आचार-संहिता और कोविड पाबंदियों के बीच हमने जुलूस निकाल दिया.जबकि ट्वीट
में साफ लिखा कि विधानसभा सत्र की दो दिन की सालाना पिकनिक का विरोध करते हुए, गिरफ्तार हुए ? पुलिस जी, प्रशासन जी, अव्वल तो आजकल
विधानसभा सत्र हो नहीं रहा है,विधानसभा भंग हो चुकी है. और महाराज अगर गिरफ्तार भी करेंगे
तो आप ही लोग तो करेंगे ! माना कि मैं ट्वीट में तारीख लिखना भूल गया कि वीडियो कब
का है. पर महाराज दुनिया में एक चीज होती है, जिसे अंग्रेजी में-
common sense कहते हैं ! उसका ही थोड़ा प्रयोग कर लेते. पर अंग्रेजी
में ही कहावत है कि- common sense is not so common ! यह भी बात
सही है कि पुलिस और प्रशासन कोई कॉमन चीज थोड़ी हैं, वो तो खास
हैं, विशिष्ट हैं, वो कॉमन वाले सेंस का
क्यूं इस्तेमाल करें !
जैसा कि मैं पहले कह चुका हूं कि इन फोनों के आने
से मुझे वीआईपी वाली फीलिंग आई. वो इसलिए क्यूंकि मुझे अचानक भान हुआ कि
अच्छा मेरा ट्विटर अकाउंट भी इतना गंभीरता से देखा जा रहा है ! भई, कमाल है ! थैंक यू, पुलिस जी,
प्रशासन जी- for this VIP treatment ! यूं मैं इस लाइन को अंग्रेजी
के बजाय हिन्दी में भी लिख सकता था पर बड़ी बातें तो अंग्रेजी में ही कही जाती है, बल !
और हाँ, भाइयो-बहनों इस सबसे
आपको ये तो पता चल ही चुका होगा कि मेरा ट्विटर अकाउंट भी है, जिसे पुलिस जी और प्रशासन जी भी बड़े ध्यान से देखते हैं तो आप भी वहां तांक-झांक
लिया करो. मेरा ट्विटर अकाउंट है- @indreshmaikhuri
और हाँ प्यारी पुलिस जी और प्रशासन जी, खाली-पीली टेंशन नहीं लेने का !
-इन्द्रेश मैखुरी
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