हर्ष फ़ायरिंग जानते हैं आप ? बड़े-बड़े लोगों के घर में शादी-ब्याह समेत कोई भी खुशी का अवसर आता है तो वे
अपनी बंदूकें निकाल कर हवा में फायर करते हैं. अक्सरहां चुनावी जीत की खुशी में भी
बाहुबली कहे जाने वाले लोग या उनके समर्थक ऐसी फ़ायरिंग कर लिया करते हैं. कुछ लोग कहते
हैं कि ऐसी फ़ायरिंग करना गैरकानूनी है. अरे भाई ! जिसके पास बंदूक होगी,वही तो फ़ायरिंग करेगा !
चुनावी जीत पर हर्ष फ़ायरिंग से याद आया कि भाजपा भी अभी-अभी
चार राज्यों के चुनाव जीती है. इसलिए उसका भी हर्ष फ़ायरिंग करना बनता है.
पाँच राज्यों के चुनाव में बीते महीने- दो महीने की अवधि
से पेट्रोल-डीजल की कीमतें बिना बढ़े हुए, कतई जल-भुन रही थी. उन्हें लगता है दोहरी खुशी हासिल
हुई है, पहली चुनाव सम्पन्न होने की और दूसरी भाजपा की जीत की.
इसलिए वे दिन दूनी, रात चौगुनी गति से उछाल मारने को बेताब हैं.
पुराना हिन्दी फिल्मी गीत है- गड्डी जांदी ए छलांगा मार
दी ! बढ़ती कीमतों से गड्डी तो छलांगा नहीं मार सकती, वह तो केवल
हिचकोले ही खा सकती है. पर पेट्रोल- डीजल की कीमतें जरूर “छलांगा मार दी” जा रही है ! आखिर पाँच राज्यों में से चार में सरकार बनी है तो हर्ष फ़ाइरिंग
तो बनती है ना- धाँय-धाँय, कीमतें बढ़ें साँय-साँय
!
जिन चार राज्यों में भाजपा की सरकार बनी है, उत्तराखंड भी उनमें से एक है. खूब भर-भर कर वोट दिया लोगों ने भाजपा को. भाजपा
भी इस जीत की खुशी को मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती.
हर्ष होगा, हर्ष फ़ाइरिंग होगी- धाँय-धाँय !
पहला पटाखा छूटा है. अप्रैल के महीने से बिजली-पानी की
कीमतें भी छलांगे मारेंगी. बिजली की कीमत तीन प्रतिशत से थोड़ा कम बढ़ी हैं. पानी की
कीमतें से नौ से ग्यारह प्रतिशत बढ़ेंगी.
चुनाव में भाजपा ने उत्तराखंड में नारा दिया था- युवा
नेतृत्व, युवा सरकार. उत्तराखंड ने सुन ली भाजपा की पुकार. अब युवा नेतृत्व भी है और
युवा सरकार भी. इसलिए युवाओं के लिए भी कुछ धमाका करना मांगता है. सो कल विधानसभा में
युवा सरकार ने बताया कि वित्त आयोग ने अनुशंसा की है कि जो पद तीन साल से नहीं भरे
गए, वे खत्म कर दिये जाएँ. युवा सरकार ने यह भी घोषित किया कि
वित्त आयोग की यह अनुशंसा, उसने मान ली है.
हालांकि ये पद तीन साल से भरने भी उन्होंने ही थे, जिन्होंने न भरने पर इन्हें खत्म करने की संस्तुति मान लेने का ऐलान किया
है. पर खुशी के मौके पर ऐसी बारीक बातें सोचता
कौन है, यह तो हर्ष फ़ायरिंग का वक्त है, सो कर दिया तीन साल से खाली पड़े पदों पर फ़ायर- धाँय-धाँय !
और पद खत्म करने की संस्तुति किसने की ? इन्दु कुमार पांडेय उस वित्त आयोग के अध्यक्ष
हैं, जिस आयोग ने यह संस्तुति की है. पांडेय साहब दसियों बरस
पहले उत्तराखंड के मुख्य सचिव पद से रिटायर हो चुके और तब से सरकार उनके लिए लगातार
ही इस कमेटी या उस आयोग में पद ढूंढती रहती है. जिनके लिए रिटायरमेंट के बाद भी निरंतर
पद लगातार पद ढूँढे जा रहे हैं, वे कह रहे हैं- खाली पद खत्म
करो, सरकारी खर्चा कम करो ! इन्दु अंकल, यू आर सो क्यूट ना ! इन्दु अंकल के सहयोग से हर्ष फ़ायरिंग चालू आहे- धाँय-धाँय !
तो मित्रो यह जो खुशी का अवसर आया है, इस खुशी में हर्ष फ़ायरिंग रुकनी नहीं चाहिए. धमाका जारी
रहना चाहिए, पूरे पाँच साल- हर्ष होगा,
हर्ष फ़ाइरिंग होगी- धाँय-धाँय !
-इन्द्रेश मैखुरी
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