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पांडेय तोह पे विपदा बहुत भारी !

 








पांडेय साहब याद हैं आपको, जिन्होंने अभी कुछ दिन पहले अपनी गृह स्वामिनी की शान में गुस्ताखी के लिए एक डॉक्टर को तत्काल देहरादून से अल्मोड़ा रवाना होने का फरमान सुना दिया था.









बीते दिनों में राज्य की नौकरशाही में फेरबदल हुआ. उसमें अन्य अफ़सरान की तरह ही पांडेय साहब से कुछ विभाग लिए गए और उनको कुछ विभाग दिये गए. जो विभाग लिए गए उनमें स्वास्थ्य, सूचना और चिकित्सा शिक्षा शामिल है और जो विभाग दिये गए, उनमें औद्योगिक विकास, खनन, आयुष और आयुष शिक्षा शामिल हैं.


हमारे यहां एक हिस्सा लहालोट मीडिया का है, जो सत्ता की अदाओं पर फिदा रहता है. जैसे ही अफसरों के विभागों के फेरबदल की खबर आई, वैसे ही लहालोट मीडिया ने तुरंत विरुदावली शुरू की- पांडेय के विरुद्ध धामी की कड़ी कार्यवाही, छीना स्वास्थ्य विभाग !


शीर्षक पढ़ कर यूं लगा, जैसे कि बेचारे पांडेय जी एकाएक पैदल हो गए हों, उनका सारा राजपाट उनसे छिन गया हो ! बताइये उनके पास स्वास्थ्य महकमा न रहा, अब वे डॉक्टर को ओपीडी से उठा कर अपनी गृहस्वामिनी का इलाज करने अपने घर कैसे भेज पाएंगे, हाय-हाय !


इत्ती कठोर कार्यवाही हो गयी पांडेय साहब के विरुद्ध कि वे पछता रहे होंगे कि किस कुघड़ी में डाक्टर का बोरिया बिस्तर बंधवाया ! उनकी गृह स्वामिनी पछाड़ खा कर गिरती होगी- हाय स्वामी, मेरा स्वास्थ्य सुधारने के फेर में तुम्हारे हाथ में   स्वास्थ्य विभाग ही न रहा, कर्मन की गति न्यारी !


 पर भय्या लहालोट होने वालो पांडेय साहब के विभाग बदलने पर मुख्यमंत्री की विरुदावली गाने वालो, जरा याद करो तो ऐसी ही विरुदावली तो आपने तब भी गायी थी, जब मुख्यमंत्री ने पांडेय, गृहस्वामिनी और डाक्टर प्रकरण में जांच का आदेश दिया था. तब भी आप मुख्यमंत्री की अदा पर रीझ रहे थे, तारीफ में क़सीदों के गुब्बारे उछाले जा रहे थे. जरा यह तो बताओ कि उस जांच का क्या हुआ ? जांच की वह आंच भी उसी तरह जल रही है, जिस तरह की आंच पर बीरबल की खिचड़ी, बादशाह अकबर के जमाने में पकने को रखी गयी थी ?


अंत में पुनः प्रशासकीय परीक्षा / दक्षता का प्रश्न दोहराता हूँ :


एक डॉक्टर को ओ पी डी से उठा कर स्वास्थ्य सचिव के घर भेजने, स्वास्थ्य सचिव की पत्नी द्वारा डॉक्टर से अभद्रता करने, डॉक्टर के अस्पताल लौटने पर उच्च अधिकारियों द्वारा डॉ पर माफी मांगने का दबाव डालने, डॉ द्वारा माफी न मांगने पर दूसरे मेडिकल कॉलेज संबद्ध करके रिलीविंग ऑर्डर जारी करने के संपूर्ण घटनाक्रम की अवधि यदि पांच घंटे है


तो :


इस घटना की "उच्च स्तरीय जांच" में लगने वाले समय की गणना, समस्त जोड़- घटाव, गुणा- भाग एवं संभावित परिणाम सहित लिखिये !!!


-इन्द्रेश मैखुरी

 

 

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