दून मेडिकल कॉलेज की डॉ.निधि उनियाल के साथ स्वास्थ्य
सचिव डॉ.पंकज पांडेय की पत्नी द्वारा अभद्रता, फिर डॉ.निधि उनियाल पर ही माफी
मांगने का दबाव डाला जाना, माफी न मांगने के बाद तत्काल ही डॉ.निधि
उनियाल का अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में संबद्धिकरण और डॉ द्वारा इस्तीफे के पूरे प्रकरण
से स्वास्थ्य सचिव डॉ.पंकज पांडेय सुर्खियों में है. सोशल मीडिया में तो वे और उनकी
पत्नी खासे चर्चा में हैं.
एनएच 74 के घोटाले में डॉ.पंकज कुमार पांडेय निलंबित हुए
थे. उनके निलंबन का पत्र सोशल मीडिया में तैर रहा है.
एक खबर जो और तेजी से तैरी वो थी कि पंकज पांडेय की पत्नी, पहले भी इस तरह के विवादों में रह चुकी हैं और अतीत में उन्होंने एक महिला
सब इंस्पेक्टर के थप्पड़ मारा था. जाहिर सी बात है कि जब पांडेय साहब सुर्खियां बटोर
रहे थे तो इस खबर को लोगों ने हाथों-हाथ लपका. दस बरस पुराना एक वीडियो भी पुनः चल
निकला.
लेकिन रुकिए मित्रो. थोड़ा जांच परख कर लीजिये. यह सच है
कि दस-एक बरस पहले एक महिला जो आईएएस ऑफिसर की पत्नी हैं, उनपर बेंगलुरु में एक महिला सब इंस्पेक्टर को थप्पड़ मारने का आरोप लगा और
वे गिरफ्तार भी की गयी. यह भी सच है कि उक्त थप्पड़ मारने की आरोपी महिला के पति का
नाम- पंकज कुमार पांडेय है और वो आईएएस हैं.
लेकिन इसमें थोड़ा पेंच यह है कि ये उत्तराखंड वाले आईएएस
डॉ.पंकज कुमार पांडेय नहीं हैं बल्कि महिला सब-इंस्पेक्टर को थप्पड़ मारने का किस्सा
कर्नाटक कैडर के आईएएस पंकज कुमार पांडेय की पत्नी का है.
कर्नाटक वाले पंकज कुमार पांडेय की
पत्नी ने जब पुलिस सब इंस्पेक्टर को थप्पड़ मारा तो यह एक क्रिकेट
मैच की घटना है और वह मैच देखने कर्नाटक वाले पंकज कुमार पांडेय की पत्नी, पांडेय साहब की सरकारी गाड़ी में गयी थी.
तो इन पांडेय और उन पांडेय यानि उत्तराखंड वाले पंकज कुमार
पांडेय और कर्नाटक वाले पंकज कुमार पांडेय में समानता यह है कि दोनों ही आईएएस हैं.
उत्तराखंड वाले स्वास्थ्य सचिव हैं तो कर्नाटक वाले भी 2021 में स्वास्थ्य आयुक्त रहे
हैं. कर्नाटक वालों की पत्नी ने 2012 में सब इंस्पेक्टर को थप्पड़ मारा और बाद में मामला
अदालत के बाहर सुलटाया. उत्तराखंड वाले पांडेय जी की गाथा तो चर्चा में है ही कि अस्पताल
में मरीज देख रही डॉक्टर को जबरन पांडेय जी की पत्नी को देखने उनके घर भेजा गया, पांडेय जी की पत्नी ने डॉक्टर से अभद्रता की और पांडेय जी ने पत्नी जी की
शान में गुस्ताखी के लिए डॉक्टर को अल्मोड़ा रवाना कर दिया.
दोनों ही मामलों में आईएएस होने की हनक पांडेय द्वय और
उनकी पत्नियों पर हावी दिखती है. इस हनक में उनके नाम की समानता से ज्यादा अफ़सरी अकड़
की समानता अधिक प्रतीत होती है.
इस तरह कर्नाटक वाले पांडेय जी की पत्नी का कारनामा भी
उत्तराखंड वाले पांडेय जी की पत्नी के करनामें के साथ नत्थी हो गया. पर फिकर नॉट पांडेय
जी, अपने यहाँ तो पुरानी कहावत है- बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा !
-इन्द्रेश मैखुरी
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