प्रति,
अध्यक्ष महोदया,
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग,
देहरादून (उत्तराखंड)
महोदया,
15
जुलाई को हेलंग में महिलाओं से घास छीनने के प्रकरण का आपने स्वतः संज्ञान लेकर
जांच के आदेश दिये, यह
राहत की बात है, इसके
लिए आभार.
परंतु इस प्रकरण में निवेदन करना है कि जांच का
आदेश आपने चमोली के जिन जिलाधिकारी को दिया है, वे पहले दिन से इन महिलाओं को दोषी करार देते
रहे हैं. यह काम वे व्यक्ति- हिमांशु खुराना की हैसियत से नहीं बल्कि आधिकारिक तौर
पर जिलाधिकारी चमोली की हैसियत से करते रहे हैं. जिलाधिकारी,चमोली के
आधिकारिक फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल से जिन महिलाओं से घास छीना गया, उन्हें ही दोषी ठहराने वाले विस्तृत पोस्ट और ट्वीट किए गए. यहाँ तक भी
हुआ कि घटना के बाद जांच के लिए जिलाधिकारी ने जो टीम हेलंग भेजी, उसने पीड़ित महिलाओं से मुलाक़ात तक नहीं की.
महोदया, जब जिलाधिकारी,चमोली- श्री हिमांशु खुराना घटना के पहले दिन से उन महिलाओं को दोषी मानते
हैं और हर हाल में उनसे घास छीनने की “प्रशासनिक कार्यवाही” को सही मानते हैं तो
उनसे स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की अपेक्षा कैसे की जा सकती है ?
अतः महोदया से निवेदन है कि इस प्रकरण की जांच के लिए
ऐसा जांच अधिकारी नियुक्त करें, जिसके स्वयं के पूर्वाग्रह न
हो.
सधन्यवाद,
सहयोगाकांक्षी,
इन्द्रेश
मैखुरी
गढ़वाल सचिव
भाकपा(माले)
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