हेलंग में 15 जुलाई को घास लाती महिला
से सीआईएसएफ़ और उत्तराखंड पुलिस द्वारा घास छीनने के अलावा यह भी हुआ था कि महिलाओं
को हिरासत में लिया गया था. इन महिलाओं को जोशीमठ कोतवाली में छह घंटे हिरासत में रखने
के बाद पुलिस एक्ट में 250-250 रुपए का चालान करके छोड़ा गया.
आश्चर्यजनक यह है कि महिलाओं को गिरफ्तार करने के साथ
ही इन महिलाओं के साथ डेढ़-दो साल की एक बच्ची को भी पुलिस कस्टडी में लिया गया. उस
डेढ़-दो साल की बच्ची को भी एक घंटे से अधिक सरकारी वाहन में बिना पानी-दूध आदि के
बैठाये रखा गया.
अबोध बच्ची को सरकारी वाहन में कस्टडी में रखने के खिलाफ
मैंने 22 जुलाई 2022 को उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र भेज कर बच्ची को
बिना पानी- दूध आदि के कस्टडी में रखने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी.
उस पत्र का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने चमोली जिले की पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज कर जांच / नियमानुसार कार्यवाही करने को कहा है.
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस अधीक्षक से 05 अगस्त 2022 तक इस मामले
की जांच आख्या उपलब्ध करवाने को भी कहा है. पत्र की प्रतिलिपि चमोली के जिलाधिकारी
और उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को भी भेजी गयी है.
मेरी शिकायत का संज्ञान लेने के लिए उत्तराखंड बाल अधिकार
संरक्षण आयोग का आभार.
देखते हैं जांच का ऊंट किस करवट बैठता है !
-इन्द्रेश मैखुरी
2 Comments
जांच पर नजर रखने की जरूरत होगी
ReplyDeleteबिल्कुल
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