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त्वरित टिप्पणी : आर.बी.एस. रावत गिरफ्तार, भाजपा- कॉंग्रेस और पहले गिरफ्तार हुओं को जमानत

 













एक परीक्षा में धांधली वाले डॉ.आर.बी.एस. रावत गिरफ्तार, कई परीक्षाओं में धांधली वाले एस. राजू और संतोष बडोनी की गिरफ्तारी कब होगी? विधानसभा भर्ती घोटाले में पूर्व अध्यक्षों गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेम चंद्र अग्रवाल की गिरफ्तारी कब होगी? वर्ष  2000 से 2011 तक विधानसभा में हुई बैकडोर नियुक्तियों की जांच कब होगी, उसके दोषियों पर कार्यवाही कब होगी

 

डॉ.आर.बी.एस. रावत उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक(पीसीसीएफ़) के पद से सेवानिवृत्त हुए तो उन्हें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया.  उनके उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष रहते हुए एक भर्ती परीक्षा हुई और उसमें धांधली की बात सामने आई. 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की परीक्षा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने करवायी. इस परीक्षा में एक पिता के दो पुत्रों ने दो अलग-अलग जिलों से परीक्षा दी और दोनों ने टॉप किया और ऐसे एक नहीं कई मामले उजागर हुए थे. परीक्षा में धांधली की जिम्मेदारी डॉ.आर.बी.एस. रावत पर आयद करने के बजाय, उन्हें इस्तीफा दे कर बच निकलने का अवसर दिया गया. 













उसके बाद एस. राजू को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बनाया. 2013 में देश का सर्वोच्च न्यायालय, एस. राजू की सत्यनिष्ठा और ईमानदारी पर सवाल उठा चुका था. भजन सिंह बनाम उत्तराखंड सरकार के मामले में उच्चतम न्यायालय ने एस.राजू की जांच करने को कहा था. लेकिन जांच करने के बजाय उन्हें उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बना कर राज्य के बेरोजगारों के भविष्य से खिलवाड़ करने की खुली छूट दी गयी. डॉ.आर.बी.एस.  रावत को कांग्रेस की सरकार के समय हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया. उनके इस्तीफे के बाद एस.राजू को भी हरीश रावत ने नियुक्त किया और तमाम भर्ती परीक्षाओं में धांधलियों के आरोपों के बावजूद वे भाजपा के तीन मुख्यमंत्रियों- त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत और पुष्कर धामी के कार्यकाल में पद पर बने रहे. उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तमाम परीक्षाओं में घपले सामने आने के बाद भी पुष्कर सिंह धामी ने उनको हटाया नहीं बल्कि इस्तीफा दे कर सुरक्षित निकलने का विकल्प उन्हें दे दिया गया. तीरथ सिंह रावत जब मुख्यमंत्री बने तो डॉ.आर.बी.एस. रावत को उन्होंने अपना सलाहकार नियुक्त किया.











 यह दर्शाता है कि इस राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के मामले में भाजपा- कांग्रेस दोनों बराबर के हिस्सेदार हैं.


कल ही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा में धांधली के चार आरोपी, कमजोर सबूतों के आधार पर जमानत पर छूट गए हैं. अगर ठोस सबूत और मजबूत पैरवी न हुई तो डॉ. आर.बी.एस.रावत और उनके साथ गिरफ्तार किए गए दो अन्य की गिरफ्तारी भी एक और स्टंट सिद्ध होगी.


-इन्द्रेश मैखुरी

 

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