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स्टोन क्रशर के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन को शांतिभंग का नोटिस, प्रशासन की मंशा पर संदेह !

 








प्रति,

1.  श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय,

उत्तराखंड शासन, देहरादून.

 

2.  श्रीमान जिलाधिकारी महोदय,

जिला चमोली (गोपेश्वर)

 

 

 

 

महोदय,

         चमोली जिले की तहसील थराली में कुलसारी से ऊपर की तरफ जा कर ग्राम ककड़तोली में एक स्टोन क्रशर लगाया जा रहा है. यह स्टोन क्रशर जैसे इलाके में लगाया जा रहा है, उसे देखते हुए यह आने वाले समय में इस पूरे क्षेत्र के लिए नासूर बनेगा. इस संभावित खतरे को देखते हुए, स्थानीय महिलाओं और युवाओं द्वारा इस इलाके में स्टोन क्रशर लगाए जाने के खिलाफ बेहद शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन चलाया जा रहा है.


स्टोन क्रशर लगाने वालों द्वारा कई तरह का दबाव, शांतिपूर्ण आंदोलन करने वाली महिलाओं और युवाओं पर बनाया जा रहा है. इसके लिए प्रशासन और यहां तक कि पटवारी क्षेत्र में होने के बावजूद पुलिस का भी सहारा लिया गया.


इसी कड़ी में बीते दिनों श्रीमान उपजिलाधिकारी, थराली द्वारा क्रशर के खिलाफ आंदोलन करने वालों को शांतिभंग का नोटिस दिया गया है. 












महोदय, इस नोटिस का समय, नोटिस जारीकर्ता अफसर की मंशा पर ही संदेह पैदा करता है. यह हैरत की बात है कि इस नोटिस पर 22/10/2022 की तारीख पड़ी है,परंतु जिनके विरुद्ध यह नोटिस है, उनके पास यह बमुश्किल चार दिन पहले ही पहुंचा है. महोदय, यह नोटिस उन तक दो-एक दिन में तहसील थराली से पैदल चल कर भी पहुँच सकता था ! ऐसा प्रतीत होता कि नोटिस जारी करने का दिन और उस पार डाली गयी तिथि, दोनों अलग-अलग हैं. ऐसा करके क्या और किसका हित साधा जा रहा है, पता नहीं.


महोदय, शांति भंग का यह नोटिस ऐसे वक्त में दिया गया है, जबकि मामला माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल की दहलीज पर पहुँच चुका है. अब तो माननीय उच्च न्यायालय में ही तय होगा कि स्टोन क्रशर लगाने के लिए दी गयी अनुमतियाँ कितनी वैध हैं और कितनी अवैध. इसलिए माननीय उच्च न्यायालय में मामला पहुंचने के बाद आंदोलनकारियों को शांति भंग का नोटिस देना, पुनः मंशा पर ही संदेह प्रकट करता है.


महोदय, स्टोन क्रशर स्वामी को 03 जून 2022 को जिलाधिकारी महोदय,चमोली द्वारा प्रदत्त अनुमति पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि “किसी भी प्रकार का स्थलीय / स्थानीय विवाद की दशा में स्टोन क्रशर स्वामी द्वारा स्वयं विवाद का निपटारा किया जाएगा.” महोदय, श्रीमान जिलाधिकारी चमोली के स्पष्ट आदेश के बावजूद, श्रीमान उपजिलाधिकारी महोदय, थराली द्वारा शांतिपूर्ण आंदोलन करने वालों को नोटिस देना, श्रीमान जिलाधिकारी महोदय, चमोली के उक्त आदेश का भी अतिक्रमण है.


जिला विकास अधिकारी, चमोली की हालिया जांच रिपोर्ट तो बताती है कि उक्त स्टोन क्रशर को लगाने में तमाम मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है. महोदय, मानकों का उल्लंघन करके लगाए जा रहे स्टोन क्रशर के लिए ग्रामीणों को शांति भंग के मामले में पाबंद क्यूँ करना चाहते हैं, थराली के उजिलाधिकारी महोदय ?


महोदय, शांतिपूर्ण आंदोलन करने का अधिकार देश के सभी नागरिकों को भारत का संविधान देता है. इस अधिकार का प्रयोग करते हुए स्टोन क्रशर का विरोध करने वाले ग्रामीणों को शांतिभंग का नोटिस देना अन्यायपूर्ण है. अतः इस शांतिभंग के नोटिस को निरस्त करने के आदेश निर्गत करने की कृपा करें और थराली के उपजीलाधिकारी महोदय को ताकीद करें कि इस तरह शांतिपूर्ण आंदोलन के विरुद्ध नोटिस जारी करके अपनी प्रशासकीय विश्वसनीयता को संदिग्ध न बनाएं.


सधन्यवाद,


सहयोगाकांक्षी,

इन्द्रेश मैखुरी

गढ़वाल सचिव

भाकपा(माले)

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