प्रति,
1. श्रीमान
मुख्यमंत्री महोदय,
उत्तराखंड शासन, देहरादून.
2. श्रीमान
चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय,
उत्तराखंड शासन,
देहरादून.
महोदय,
इस वर्ष उत्तराखंड में राज्यस्तरीय
नर्सिंग परीक्षा में लगभग पांच हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. लेकिन अखिल
भारतीय नर्सिंग काउंसिल द्वारा अंग्रेजी को अनिवार्य विषय बनाए जाने के कारण इस
परीक्षा में कुल दो सौ अभ्यर्थी ही उत्तीर्ण हो सके. इनमें से भी केवल 99 को ही
सरकारी कॉलेज आवंटित हो सके.
महोदय, उत्तराखंड में हल्द्वानी, पौड़ी, चमोली, देहरादून, टिहरी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़
में स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में कुल 352 सीटें हैं. इस तरह देखें तो इस बार
नर्सिंग परीक्षा में सरकारी कॉलेजों की कुल सीटों से भी कम अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए
और ऐसा हुआ सिर्फ अंग्रेजी की अनिवार्यता के चलते.
महोदय, यह एक गंभीर स्थिति है, जबकि सिर्फ अंग्रेजी की
अनिवार्यता के चलते राज्य में सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की अधिकांश सीटें रिक्त रह
गयी हैं. यह इन कॉलेजों के लिए गंभीर स्थिति है, राज्य में
योग्य नर्सिंग प्रशिक्षुओं की उपलब्धता के लिए भी गंभीर स्थिति है और नर्सिंग को
करियर बनाने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए तो यह पीड़ादायक है ही.
अतः महोदय से निवेदन है कि इस
प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए यह सुनिश्चित करने की कृपा करें कि सिर्फ अंग्रेजी
की बाध्यता के चलते कोई अभ्यर्थी नर्सिंग कोर्स करने से वंचित न हो और सरकारी
कॉलेजों की सीटें भी रिक्त न रहें.
सधन्यवाद,
सहयोगाकांक्षी,
इन्द्रेश
मैखुरी,
गढ़वाल
सचिव,
भाकपा(माले)
0 Comments