प्रति,
1. महामहिम
राज्यपाल महोदय,
उत्तराखंड,
देहरादून
2. निदेशक
महोदया,
माध्यमिक
शिक्षा, उत्तराखंड
महोदय
/ महोदया,
अल्मोड़ा जिले के मुख्य शिक्षा
अधिकारी श्री सत्य नारायण ने 13 फरवरी 2023 को जारी पत्र, जिसका पत्रांक 13519-26/ विविध/ प्रबंध- 03 / जिला
सम्मेलन / 2022.23 है, अल्मोड़ा शहर के सभी इंटर कॉलेजों के
प्रधानाचार्य / प्रधानाचार्याओं को भेजा. उक्त पत्र में मुख्य शिक्षा अधिकारी श्री
सत्य नारायण द्वारा निर्देश जारी किया गया कि 16 फरवरी को अखिल भारतीय विद्यार्थी
परिषद के जिला सम्मेलन में कक्षा 09 एवं कक्षा 11 के छात्र / छात्राओं को दो
अध्यापकों के साथ प्रतिभाग करवाया जाये.
कोई
छात्र संगठन अपना सम्मेलन करे और उसकी यह इच्छा हो कि उसमें छात्र- छात्राओं की
अधिकतम भागीदारी हो, यह वाजिब है. लेकिन किसी जिले के
मुख्य शिक्षा अधिकारी, किसी छात्र संगठन के सम्मेलन के लिए
भीड़ जुटाने का काम अपने हाथों में ले लें और इसके लिए अपने अधीनस्थों को लिखित
आदेश जारी करें, यह किसी हाल में सही नहीं ठहराया जा सकता
है.
मुख्य
शिक्षा अधिकारी महोदय का काम, किसी राजनीतिक पार्टी के छात्र
संगठन के लिए भीड़ जुटाना नहीं बल्कि उनका काम है कि वे अपने प्राधिकार में आने
वाले विद्यालयों में नियमित पठन-पाठन करवाएँ.
लेकिन
अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने ऐसे समय में छात्र-छात्राओं को एक छात्र संगठन
के सम्मेलन में भेजने का आदेश किया है, जबकि परीक्षाएं सिर
पर हैं.
महोदय
/ महोदया, अल्मोड़ा जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी का यह कृत्य अनैतिक तो है ही, यह विधि विरुद्ध भी है. उत्तराखंड में लागू राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली
2002 की धारा 5 (1) कहती है कि “कोई सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या किसी ऐसी
संस्था का, जो राजनीति में हिस्सा लेती हो, सदस्य न होगा और न अन्यथा उससे संबंध रखेगा और न वह किसी ऐसे आंदोलन में
या संस्था में हिस्सा लेगा या किसी अन्य रीति से उसकी मदद करेगा..........”
उपरोक्त
से स्पष्ट है कि छात्र-छात्राओं को अखिल भारतीय विद्यार्थी
परिषद के सम्मेलन में भेजने का आदेश जारी करके अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी
श्री सत्य नारायण ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और साथ ही राज्य कर्मचारी आचरण
नियमावली का भी उल्लंघन किया है.
अतः
उन्हें तत्काल निलंबित करते हुए, उनके पद से हटाया जाये और यह
सुनिश्चित किया जाये कि भविष्य में जिम्मेदार पद पर बैठा कोई अधिकारी इस तरह का
कृत्य न करे.
सधन्यवाद,
समर
भंडारी
राष्ट्रीय
परिषद सदस्य
भाकपा
राजेन्द्र
सिंह नेगी
राज्य
सचिव, माकपा
इन्द्रेश
मैखुरी
केन्द्रीय
कमेटी सदस्य
भाकपा(माले)
1 Comments
निःसन्देह छात्र-छात्राओं को राजनितिक मंच से दूर रखा जाना चाहिए और ख़ास तौर से जब उनके इम्तिहान सर पर हों।
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