2014 में भाजपा जब सत्ता में आई तो बहुत
से नारे भी आए, कुछ पार्टी के, कुछ सरकारी. कुछ नारे जुमले करार दिये गए और कुछ की कुगत हुई. “’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” भी उन्हीं नारों में से एक है, जिसे 2014 के बाद भाजपा के लोगों के हाथों ही निरंतर चीत्कार में बदलते हुए
देखा जा सकता है.
दिल्ली के जंतर-मंतर पर देखिये ! भारत के पदक जीतने वाले पहलवान धरने पर बैठे हैं. उनका आरोप किसी और पर नहीं भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर है.
वे यौन उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं. पहलवानों का आरोप है कि पीड़ित में नाबालिग भी है. ये पहलवान, तीन महीने से इंसाफ की मांग कर रहे हैं. जनवरी 2023 में इन्होंने, पहली बार बृजभूषण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए.
भारत के
खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने एक कमेटी भी बनाई. लेकिन कार्यवाही के नाम पर पत्ता
तक नहीं हिला. बेटी बचाओ का नारा देने वाली सरकार देश के लिए पदक जीतने वाले पहलवानों
पर अपनी पार्टी के अपराधी छवि के सांसद को तरजीह देती नजर आ रही है. यह पक्षधरता और
प्राथमिकता का ही मामला है कि एक तरफ देश के लिए पदक जीतने वाले पहलवान हैं और दूसरी
तरफ हत्या के प्रयास से लेकर बलवा, मारपीट आदि का आरोपी व्यक्ति
है. केंद्र सरकार पहलवानों के बजाय गंभीर आपराधिक
आरोपों के व्यक्ति के साथ इसलिए खड़ी है क्यूंकि वह व्यक्ति उनकी पार्टी का सांसद है
!
और यह इकलौता मामला नहीं है, जिसमें भाजपा या
उसके लोगों पर इस बेटी बचाओ के नारे का जनाज़ा निकाला हो ! यह काम, भाजपा के लोग देश में ही नहीं देश की सीमाओं के पार जा कर भी अंजाम दे रहे
हैं.
ऑस्ट्रेलिया से खबर है कि सिडनी की जिला अदालत ने बालेश धनकड़ नाम के व्यक्ति को पाँच महिलाओं पर हमले का दोषी करार दिया है.
धनकड़ को अदालत
ने 39 आरोपों का दोषी करार दिया और उसे जेल भेज दिया. सजा का ऐलान बाद में किया जाएगा.
धनकड़ के गुनाहों की तफ्सील में जाएं तो वे रूह कंपाने
वाले हैं. वह महिलाओं को, खास तौर पर कोरियाई महिलाओं को अखबार
में विज्ञापन दे कर बुलाता था, फिर उन्हें कुछ नशीला पदार्थ, आइस क्रीम या वाइन में दे देता और फिर नशे में उनका यौन शोषण करता. उसकी हैवानियत
यहीं पर खत्म नहीं होती, वह इन बेसुध महिलाओं के साथ यौन क्रिया
का वीडियो भी बनाता था. 2018 में जब पुलिस ने धनकड़ के अपार्टमेंट पर छापा मारा तो वहां
ऐसे दर्जनों वीडियो मिले. वीडियो अलग-अलग फोल्डरों में रखे हुए थे और हर एक पर किसी
कोरियाई महिला का नाम था.
बालेश धनकड़ को वहां के अखबारों ने सिडनी के इतिहास का निकृष्टम बलात्कारी कहा है. और जानते हैं, सिडनी के इतिहास का निकृष्टम बलात्कारी कौन है ? यह व्यक्ति, ओवरसीज़ फ़्रेंडस ऑफ बीजेपी का अगुवा रहा है.
ऑस्ट्रेलिया के अखबार- द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार- इस हैसियत से ही
वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण में भारत आया था और ऑस्ट्रेलिया में प्रधानमंत्री
के कार्यक्रम में भी उनसे मिला था.
बालेश धनकड़ को
जिन आरोपों के लिए ऑस्ट्रेलिया में दोषी करार दिया गया है, वे घृणित हैं, वीभत्स हैं. भाजपा से जुड़े लोग, देश और विदेश में महिलाओं का कितना सम्मान करते हैं, इसकी कलई, इस प्रकरण के साथ एक बार फिर खुली है ! भारत
का नाम भी इस प्रकरण से विदेश में कलंकित हुआ है.
सोशल मीडिया पर लोगों ने ठीक ही लिखा था कि “बेटी बचाओ” भाजपा का नारा नहीं चेतावनी था !
-इन्द्रेश मैखुरी
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