वामपंथी नेताओं की शिकायत पर बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा पाल के खिलाफ जांच के आदेश. मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड, डॉ वी षणमुगम ने कुमाऊँ कमिश्नर को दिये जांच के आदेश.
वामपंथी पार्टियों का प्रतिनिधिमंडल 01 सितंबर 2023 को बागेश्वर गया था. मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा जिलाधिकारी, बागेश्वर को वामपंथी पार्टियों को नियमानुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस की अनुमति देने को कहा गया. लेकिन जिलाधिकारी, बागेश्वर और उपजिलाधिकारी, बागेश्वर द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की अनुमति देने में आनाकानी की गयी. जिलाधिकारी, बागेश्वर ने तो उल्टा प्रश्न कर डाला कि आपको अनुमति क्यों देनी चाहिए! प्रेस कॉन्फ्रेंस की अनुमति देने के लिए यह भी लिखित में मांगा गया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोलेंगे!
इसके खिलाफ माकपा के राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी और भाकपा(माले) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त और उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत भेज कर बागेश्वर की जिलाधिकारी अनुराधा पाल के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गयी.
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गए. उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कुमाऊँ कमिश्नर को इस प्रकरण में जांच कर आख्या देने को कहा गया है.
वामपंथी पार्टियों की तरफ से हमारी मांग है कि बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में अनुराधा पाल के आचरण को देखते हुए, उन्हें तत्काल उन्हें जिलाधिकारी पद से हटाया जाए और भविष्य में उन्हें जनता से सीधे संबद्धता वाले एवं किसी संवेदनशील पद पर ना बैठाया जाए.
- इन्द्रेश मैखुरी
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