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देवाल : गरीब, भूमिहीन, अनुसूचित जाति के परिवारों को उजाड़ने पर रोक लगे

 प्रति, 

श्रीमान मुख्यमंत्री महोदय, 

उत्तराखंड शासन, देहरादून


श्रीमान वन मंत्री महोदय, 

उत्तराखंड शासन, देहरादून.


महोदय, 

          बीते दिनों समाचार पत्रों में खबर छपी कि चमोली जिले के देवाल में वन विभाग ने 500 से अधिक परिवारों को 20 फरवरी तक भूमि खाली करने का नोटिस दिया है.


महोदय, ये बेहद अन्यायपूर्ण है. जिन परिवारों को उजाड़ने का नोटिस वन विभाग द्वारा दिया जा रहा है, उनमें से अधिकांश अनुसूचित जाति के भूमिहीन परिवार हैं. इन जमीनों पर बसे हुए, उन्हें 50 से लेकर 75 वर्ष तक हो गए हैं. आधी शताब्दी से अधिक की इस अवधि में इन गरीब भूमिहीन अनुसूचित जाति के परिवारों ने बड़ी मुश्किल से अपने लिए आशियाने बनाए. उत्तराखंड सरकार के विद्युत विभाग ने इनको बिजली के कनेक्शन दिये और पेयजल के विभाग ने इनके घरों तक पानी पहुंचाया. इन ग्रामीणों ने इस जगह पर खेत आबाद किये, जहां इनके द्वारा खेती और फलोत्पादन किया जाता है. मनरेगा के तहत भी इसी स्थान पर सरकार ने इनको रोजगार दिया.


लेकिन अब एकाएक वन विभाग द्वारा 50 से 75 वर्ष बाद इन्हें जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया है, जो कि पूरी तरह से अवैध, अमानवीय और क्रूर है. उक्त नोटिस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए.


 महोदय, आपसे निवेदन है कि इस प्रकरण में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए 50 से 75 वर्षों से देवाल में बसे हुए अनुसूचित जाति के परिवारों को वन विभाग द्वारा उजाड़ने के प्रयासों को अविलंब रोकने का निर्देश अपने अधीनस्थों को देने की कृपा करें. इस तरह से गरीब, भूमिहीन, अनुसूचित जाति के लोगों ना उजाड़ा जाए, सरकार से इस आशय का नीतिगत निर्णय लेने का भी निवेदन है.


सधन्यवाद, 

सहयोगाकांक्षी, 

इन्द्रेश मैखुरी

राज्य सचिव, भाकपा (माले) 

उत्तराखंड.



(यह पत्र ईमेल और व्हाट्स ऐप के द्वारा भेज दिया गया है)

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