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प्रेम चंद्र अग्रवाल या उत्तराखंड की जनता : किसकी आस पर खरे मोदी जी

 भाजपा के लोगों से ज्यादा डी.आई.पी.आर. की कृपा के आकांक्षी पत्रकारों को आस थी कि धाकड़, हैंडसम धामी जी दिल्ली गए हैं तो मंत्रीमंडल में फेरबदल करवा कर ही लौटेंगे, प्रेम चंद्र अग्रवाल की छुट्टी करवा कर ही आयेंगे ! चार दिन से रौला काटे हुए थे कि तीन मंत्रियों की छुट्टी और चार नए मंत्री बनेंगे ! क्यों भैया, गालीबाज- लात- घूंसे बाज प्रेमचंद्र अग्रवाल को अकेले मंत्रीमंडल से बाहर जाने में डर लगेगा क्या ? 


उधर भय्या धाकड़, हैंडसम धामी दिल्ली से लौटे तो कह रहे हैं कि वे तो सामान्य दौरे पर गए थे दिल्ली ! हां जी, सब सामान्य ही तो है ! मंत्री ने विधानसभा में गाली दे दी तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ा ! मंत्री ने सड़क पर जब गली के गुंडों- लफंगों की तरह मारपीट की तब कुछ बिगड़ा क्या ? विधानसभा में बैकडोर से भर्ती की, तब कुछ हुआ नहीं ना ! 


ठीक कह रहे हैं हैंडसम भय्या कि मंत्री के लोगों को गाली देने के बाद भी वे सामान्य दौरे पर गए थे दिल्ली ! गाली देना सामान्य बात ही है भाजपा में ! भरोसा ना हो तो दिल्ली की नई नई बनी मुख्यमंत्री के पुराने ट्वीट देख लीजिये ! 


ये तो योग्यता है भाजपा में ! 


डी.आई.पी.आर. की कृपा के आकांक्षी पत्रकारों को तो मोदी जी से भी बड़ी आस थी. मोदी जी उम्मीद तोड़ते नहीं बस वो उम्मीद प्रेम चंद्र अग्रवाल मार्का लोगों की होती है ! प्रेम चंद्र अग्रवाल पर विधानसभा से बैकडोर भर्ती का आरोप लगा तो केदारनाथ आए मोदी जी ने उन्हें बगल में खड़ा करके फोटो खिंचवाया ! 


अब की बार फोटो नहीं खिंचवाई तो मोदी जी पर फिदा डी.आई.पी.आर. की कृपा के आकांक्षी पत्रकारों ने कहा- देखा मोदी जी की नाराजगी ! 


मोदी जी की नाराजगी इतनी ज्यादा थी प्रेम चंद्र अग्रवाल से कि उनके दिल्ली पहुंचने से पहले प्रेम चंद्र अग्रवाल को जीएसटी परिषद के मंत्रियों के उस समूह में नामित कर दिया गया, जिसका काम है आपदा से निपटने के लिए कोष इकट्ठा करने के लिए विशेष सेस लगाने के कानूनी और ढांचागत पहलुओं की पड़ताल करना है. जो व्यक्ति अपने राज्य की जनता पर सड़क से लेकर विधानसभा तक कहर बन कर टूट रहा है, वह आपदा निवारण के लिए विशेष उपाय वाले मंत्रीमंडलीय समूह का सदस्य होने के लिए सर्वाधिक योग्य पाया गया !


 वाह मोदी जी, वाह ! 



-इन्द्रेश मैखुरी

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