प्रति,
श्रीमान पुलिस महानिदेशक महोदय,
उत्तराखंड पुलिस, देहरादून.
महोदय,
बीते दिनों कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर जानलेवा हमले की घटना हुई. यह घटना निश्चित ही निंदनीय एवं अस्वीकार्य है.
(पत्र पर पुलिस महानिदेशक कार्यालय का जवाब)
लेकिन यह भी अत्यंत क्षोभनीय है कि उक्त घटना की आड़ लेकर देहरादून या उत्तराखंड के अन्य हिस्सों में कश्मीरियों को निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है. समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार - हिंदू रक्षा दल- नाम वाले संगठन ने सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट में कश्मीरियों को देहरादून छोड़ने की धमकी देते हुए कहा है कि वे सरकार द्वारा कार्रवाही का इंतजार नहीं करेंगे.
महोदय, यह तो सरेआम कानून को अपने हाथ में लेने की धमकी है. कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी भी धर्म के स्वयंभू रक्षकों को नहीं दिया जाना चाहिए. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना का अपने सांप्रदायिक विभाजन के एजेंडे को पूरा करने के लिए उपयोग करने की कोशिश है.
एक अन्य वीडियो भी सोशल मीडिया में देखा जिसमें दावा किया जा रहा है कि उत्तराखंड में लाखों की तादाद में घुसपैठिये हैं. यह दावा न केवल अतिरंजित है बल्कि पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है. मकसद ऐसे दावों का भी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और उन्माद पैदा करना है.
ऐसे तत्व जो आतंक की घटनाओं को भी अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थों के लिए प्रयोग करना चाहते हैं, सोशल मीडिया से उनके वीडियो हटाना ही पर्याप्त नहीं है, उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाही की जानी चाहिए. किसी को भी कानून हाथ में लेने, किसी इलाके या धर्म के व्यक्ति पर हमला करने या डराने- धमकाने की इजाजत कतई नहीं दी जानी चाहिए.
सधन्यवाद,
सहयोगाकांक्षी,
इन्द्रेश मैखुरी
राज्य सचिव,भाकपा (माले)
उत्तराखंड.
(यह पत्र ई मेल से भेज दिया गया है)
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